Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Mar, 2025 08:36 PM

राज्यसभा में शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) सदस्य संजय राउत ने 'औरंगजेब की कब्र' का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मणिपुर के बाद अब महाराष्ट्र 'जल रहा है' और नागपुर में दंगे हो रहे हैं। शिवसेना सदस्य ने गृह मंत्रालय पर पिछले कुछ सालों में देश को पुलिस राज्य...
नेशलन डेस्क: राज्यसभा में शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) सदस्य संजय राउत ने 'औरंगजेब की कब्र' का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मणिपुर के बाद अब महाराष्ट्र 'जल रहा है' और नागपुर में दंगे हो रहे हैं। शिवसेना सदस्य ने गृह मंत्रालय पर पिछले कुछ सालों में देश को पुलिस राज्य में बदलने का आरोप लगाया। गृह मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा में भाग लेते हुए राउत ने सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश को 'अस्थिर' करने की कोशिश कर रही ताकतें बार-बार औरंगजेब का नाम ले रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों में से कुछ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं और कुछ केंद्र सरकार में वरिष्ठ पदों पर बैठे हैं। राउत ने मुगल बादशाह की कब्र का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘‘नयी लाशें बिछाने के लिए गड़े मुर्दे उखाड़ दिए और वह भी औरंगजेब के नाम पर। आपको औरंगजेब की कब्र तोड़नी है तो आपको किसने रोका है।''
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। उन्होंने कहा कि अब तक मणिपुर जल रहा था, लेकिन अब महाराष्ट्र भी जल रहा है। राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्वाचन क्षेत्र में हुए ‘‘दंगों'' का जिक्र किया। उन्होंने कहा ‘‘पिछले 300 वर्षों में नागपुर में कोई दंगा नहीं हुआ। यह नागपुर का रिकॉर्ड रहा है।'' उन्होंने कहा ‘‘अगर औरंगजेब का नाम लेकर बार-बार देश को अस्थिर करने की कोशिश करने वाली शक्तियां, उनमें से कुछ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और केंद्र सरकार में वरिष्ठ पदों पर हैं...अगर हम उन्हें नहीं रोकेंगे, तो यह देश एकजुट और एकीकृत नहीं रहेगा।'' उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना गृह मंत्रालय का काम है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देश को ‘पुलिस राज्य' में बदल दिया गया है और गृह मंत्रालय राजनीतिक विरोधियों को कमजोर कर रहा है और राजनीतिक दलों को तोड़ रहा है।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयत लिखी चादर जलाने की अफवाहों के बाद सोमवार शाम नागपुर के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। सोमवार को नागपुर में हुई हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रैंक के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिस कर्मी घायल हो गए। नागपुर की एक अदालत ने मामले में 17 आरोपियों को 22 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान और पांच अन्य पर देशद्रोह और सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।