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Fact Check : अमेरिका में पुलिस की गोलीबारी का पुराना वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल

Edited By Radhika,Updated: 13 Jan, 2025 01:18 PM

old video of police firing in america goes viral with false communal claim

अमेरिका में पुलिस की गोलीबारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल है। इस दावे में कहा गया कि मोहम्मद अल्तमश नाम के पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति को चाकू से धमकाने और सरेंडर ना करने के आरोप में अमेरिकी पुलिस द्वारा गोली मार दी गई।

Fact Check by boom

नेशनल डेस्क: अमेरिका में पुलिस की गोलीबारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल है। इस दावे में कहा गया कि मोहम्मद अल्तमश नाम के पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति को चाकू से धमकाने और सरेंडर ना करने के आरोप में अमेरिकी पुलिस द्वारा गोली मार दी गई। बूम ने पाया कि वीडियो की घटना साल 2022 की है। अल्बुकर्क पुलिस विभाग (एपीडी) ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले जीसस क्रॉस्बी के ऊपर गोलियां चलाई थीं क्योंकि वह चाकू जैसी कोई चीज दिखा रहा था और पुलिस के कहने के बावजूद सरेंडर नहीं कर रहा था। एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावे से शेयर किया और कथित आरोपी का नाम मोहम्मद अल्तमश बताया।

वायरल वीडियो के विजुअल्स परेशान कर सकते हैं कृपया अपने विवेक से देखें।

पोस्ट का आर्काइव लिंक. बूम पहले भी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा शेयर की गई कई गलत सूचनाओं का फैक्ट चेक कर चुका है. रिपोर्ट यहां, यहां और यहां

फैक्ट चेक बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इसके जरिए हमें KRQE News 13 यूट्यूब पर 24 मार्च 2023 को प्रकाशित किया गया एक बुलेटिन मिला. इस न्यूज बुलेटिन के 1 मिनट 52 सेकंड पर वायरल वीडियो वाली क्लिप देखी जा सकती है।

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इस बुलेटिन के मुताबिक यह घटना 10 नवंबर 2022 को संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू मैक्सिको में हुई थी। बुलेटिन में इसे अल्बुकर्क पुलिस विभाग के अधिकारी-संबंधित गोलीबारी के हिस्से के रूप में बताया गया। अल्बुकर्क की न्यूज आउटलेट KOB 4 की 25 दिसंबर 2022 एक रिपोर्ट में पीड़ित की पहचान 41 वर्षीय जीसस क्रॉस्बी के रूप में की गई थी। रिपोर्ट में APD का हवाला देते हुए कहा गया कि क्रॉस्बी कथित तौर पर APD मुख्यालय में अनधिकृत रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था। उसके पास एक हथियार था जिसे अधिकारियों ने चाकू समझ लिया। एपीडी की प्रेस रिलीज के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने क्रॉस्बी को एक ट्रांसपोर्ट सेंटर के सामने खड़ा देखा और उसे पिछले आपराधिक रेकॉर्ड्स तथा गिरफ्तारियों से पहचान लिया। जब एक अधिकारी ने उसे हिरासत में लेने की कोशिश की तो तो क्रॉस्बी ने अपने बाएं हाथ में एक सफेद और नीले रंग की प्लास्टिक की कोई चीज और अपने दाहिने हाथ में चाकू जैसी दिखने वाली चीज लेकर अधिकारी पर हमला कर दिया। चाकू फेंकने के लिए अधिकारियों द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद क्रॉस्बी ने इनकार कर दिया और उन पर दो बार और हमला किया। इसके बाद अधिकारियों ने एक साथ अपने फायरआर्म्स और टैजर्स का इस्तेमाल किया। इसके चलते क्रॉस्बी को काफी चोटें आईं। प्रेस रिलीज में यह भी कहा गया कि अधिकारियों ने जब क्रॉस्बी से हथियार लिया तो पाया कि वह एक नेल कटर था, जिसमें आगे की तरफ एक नुकीली फाइल लगी हुई थी। 4 अप्रैल 2023 की KRQE News 13 की रिपोर्ट में बताया गया कि क्रॉस्बी के परिवार ने अल्बुकर्क पुलिस के खिलाफ मुकदमा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि APD अधिकारियों के पास या तो उचित प्रशिक्षण की कमी थी या उन्होंने उसका सामना करते समय कम घातक विकल्पों का उपयोग करना नहीं चुना।

(Disclaimer:  यह फैक्ट चेक मूल रुप से boom द्वारा किया गया है जिसे Shakti collective की मदद से पंजाब केसरी ने प्रकाशित किया।)

 

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