Edited By Mahima,Updated: 16 Oct, 2024 10:32 AM
जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार अपना मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है, उमर अब्दुल्ला आज सुबह 11:30 बजे शपथ लेंगे। उन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसी प्रमुख हस्तियों को समारोह में आमंत्रित किया है। उमर अब्दुल्ला...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद आज पहली बार राज्य को उसका पहला मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर उमर अब्दुल्ला के लिए महत्वपूर्ण है, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी (NCP) के नेता हैं। उमर अब्दुल्ला आज, यानी 16 अक्टूबर को सीएम पद की शपथ लेंगे। यह समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में सुबह 11:30 बजे आयोजित किया जाएगा, जहां वह अपने 8 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर की राजनीति में नई उम्मीदें और संभावनाएँ खुलने की संभावना है।
1. उमर अब्दुल्ला ने भेजा बुलावा
उमर अब्दुल्ला ने इस विशेष शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को आमंत्रित किया है। इस लिस्ट में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव, NCP की नेता सुप्रिया सुले, DMK नेता कनिमोझी करुणानिधी और CPI के नेता डी. राजा का नाम शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, लालू यादव और अरविंद केजरीवाल को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया है। यह सभी नेताओं की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति में सहयोग और सामंजस्य की नई दिशा में बढ़ने की संभावनाएँ हैं।
2. समारोह में कौन-कौन होगा शामिल?
डल लेक किनारे आयोजित इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियाँ शामिल होंगी। हालांकि, समारोह में भाग लेने वाले सभी नेताओं की सूची अभी तक पूरी तरह से सामने नहीं आई है। लेकिन, खबरों के मुताबिक, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पहले ही श्रीनगर पहुँच चुके हैं। साथ ही, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस समारोह में शामिल होने की संभावना है। इस तरह की राजनीतिक उपस्थिति दर्शाती है कि जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत हो रही है।
#WATCH | Srinagar, Jammu and Kashmir: Posters being put up outside Srinagar airport to welcome Lok Sabha LoP and Congress leader Rahul Gandhi
He will attend the swearing-in ceremony of J&K CM-designate Omar Abdullah today. pic.twitter.com/ZXX5boNVDY
— ANI (@ANI) October 16, 2024
3. पहले भी रह चुके हैं मुख्यमंत्री
उमर अब्दुल्ला पहले भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2009 के विधानसभा चुनाव में NCP और कांग्रेस के गठबंधन से सरकार बनाई थी, और 2009 से 2014 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी सरकार के दौरान, उन्होंने कई विकासात्मक परियोजनाओं और सुधारों की शुरुआत की थी। हालांकि, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जिसके बाद से यहां राष्ट्रपति शासन लागू था। इस बदलाव ने राज्य की राजनीति में गहरे प्रभाव डाले हैं।
4. जम्मू-कश्मीर में 5 साल बाद हटा राष्ट्रपति शासन
पिछले महीने, जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए, जिनके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित हुए। उमर अब्दुल्ला की NCP ने 42 सीटें जीतकर जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी बन गई। पार्टी ने कांग्रेस के 6 विधायकों और CPI(M) के 1 विधायक के साथ मिलकर 11 अक्टूबर को बहुमत साबित किया। इसके बाद 14 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन को समाप्त कर दिया। यह विकास जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है और इससे राज्य की राजनीतिक स्थिति में स्थिरता आने की उम्मीद है।
#WATCH | Ahead of the swearing-in ceremony, Jammu and Kashmir CM-designate Omar Abdullah offers floral tributes at the Mazar-e-Anwar of “Sher-e-Kashmir” Sheikh Mohammad Abdullah, in Srinagar pic.twitter.com/EvNMdbbeaF
— ANI (@ANI) October 16, 2024
5. SKICC में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस अवसर पर कई बड़ी राजनीतिक हस्तियाँ जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकती हैं, जिससे सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। श्रीनगर के SKICC में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, और जम्मू-कश्मीर पुलिस भी इस कार्यक्रम के लिए हाई अलर्ट पर है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की निगरानी होगी ताकि समारोह की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इस ऐतिहासिक अवसर का आयोजन बिना किसी व्यवधान के हो सके।
उमर अब्दुल्ला का यह शपथ ग्रहण समारोह जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि यह राज्य की राजनीतिक स्थिति में नए बदलावों की शुरुआत को दर्शाता है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की उपस्थिति यह दिखाती है कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक संवाद और सहयोग की आवश्यकता बढ़ रही है। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में, राज्य के विकास और समस्याओं के समाधान के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।