Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Aug, 2024 02:03 PM
महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी बृजभूषण सिंह को दिल्ली उच्च न्यायालय से एक महत्वपूर्ण झटका मिला है। बृजभूषण ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर, चार्जशीट, और निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने के आदेशों को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की...
नई दिल्ली : महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी बृजभूषण सिंह को दिल्ली उच्च न्यायालय से एक महत्वपूर्ण झटका मिला है। बृजभूषण ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर, चार्जशीट, और निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने के आदेशों को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर कोई राहत प्रदान नहीं की। अदालत ने बृजभूषण के वकील को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में एक संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करें, जिससे अदालत को मामले की विस्तृत जानकारी मिल सके।
पुलिस ने याचिका की वैधता पर सवाल उठाया
याचिका पर सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण की याचिका की वैधता पर सवाल उठाया। पुलिस ने तर्क किया कि बृजभूषण की याचिका न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार सही नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस पर गौर करते हुए बृजभूषण से पूछा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों के खिलाफ कोर्ट में इतनी देर से क्यों आना शुरू किया। इसके साथ ही, अदालत ने बृजभूषण की याचिका को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में 26 सितंबर को होगी।
बृजभूषण के वकील ने आरोपों को साजिश बताया
बृजभूषण के वकील ने अदालत में दलील दी कि इस मामले में कुल छह शिकायतकर्ता हैं और एफआईआर दर्ज कराने के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा है। वकील ने यह भी दावा किया कि सभी घटनाएं अलग-अलग स्थानों और समय पर हुई हैं, और यह सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है। हालांकि, वकील की दलीलें अदालत में प्रभावी साबित नहीं हुईं, और बृजभूषण के खिलाफ सुनवाई का क्रम जारी रहेगा।
पहलवानों का आंदोलन और धरना
पिछले साल जनवरी में, देश के 30 प्रमुख पहलवानों ने बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की अगुआई में भारतीय कुश्ती संघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना शुरू कर दिया था। पहलवानों ने आरोप लगाया कि बृजभूषण शरण सिंह ने कुश्ती संघ को मनमाने तरीके से चलाया और महिला पहलवानों तथा महिला कोच का यौन शोषण किया। धरना शुरू करने के बाद, पहलवानों ने जांच की मांग की और बृजभूषण को संघ के कार्यकुशल से दूर रहने का अनुरोध किया।
जांच और धरने की ताजातरीन स्थिति
ओलंपिक संघ की एक समिति ने मामले की जांच की, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। इसके चलते, पहलवान जून में फिर से धरना पर बैठ गए। यह धरना लंबे समय तक चला और इस दौरान कई बार पुलिस के साथ झड़पें भी हुईं। अंततः, पहलवानों ने अपने मेडल भी लौटा दिए। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद धरना समाप्त हुआ। वर्तमान में इस मामले में सुनवाई जारी है। बृजभूषण का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो चुका था, और अब वह कुश्ती संघ से हटा चुके हैं।