एक बार फिर छलका कोलकाता रेप पीड़िता के बेबस माता-पिता का दर्द, बोले- 'जैसे हमारी नींद हराम हुई है, दोषियों की भी हो जाए'

Edited By Parminder Kaur,Updated: 05 Sep, 2024 10:36 AM

once again pain of helpless parents of the kolkata rape victim spilled out

आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या को लेकर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। बुधवार रात मृतक डॉक्टर के माता-पिता भी डॉक्टरों के साथ प्रदर्शन में शामिल हो गए। वे न्याय की मांग करते हुए मोमबत्तियाँ जलाकर रवींद्रनाथ...

नेशनल डेस्क. आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या को लेकर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। बुधवार रात मृतक डॉक्टर के माता-पिता भी डॉक्टरों के साथ प्रदर्शन में शामिल हो गए। वे न्याय की मांग करते हुए मोमबत्तियाँ जलाकर रवींद्रनाथ ठाकुर का प्रसिद्ध गीत 'अग्नि सुर' गाया। पीड़िता की मां ने कहा कि जैसे मेरी नींद हराम हो गई है, मैं चाहती हूं कि सभी दोषियों की नींद भी हराम हो जाए।


बता दें पीड़िता के माता-पिता आखिरी बार 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल गए थे। वहां सात घंटे इंतजार करने के बाद उन्होंने अपनी बेटी के शव को श्मशान घाट भेजा था। बुधवार को, यह विरोध प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से एक दिन पहले किया गया था। हालांकि, गुरुवार को होने वाली सुनवाई को बाद में स्थगित कर दिया गया। बुधवार की रात लगभग 10:18 बजे पीड़िता के माता-पिता, उनके चाचा, चाची और दो भाई विरोध कर रहे डॉक्टरों से मिलने गए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर उनके 'परिवार' की तरह हैं, जो इस दुःख की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं।

 

अंतिम संस्कार पर परिवार वालों ने उठाए सवाल


पिता ने आरोप लगाया कि वे 9 अगस्त को दोपहर 12:10 बजे अस्पताल पहुंचे थे और शाम 7 बजे वहां से निकले। वे अपनी बेटी के शव को सुरक्षित रखना चाहते थे, लेकिन उसका अंतिम संस्कार जल्दी कर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि इतनी जल्दी क्यों की गई? जब वे श्मशान घाट पहुंचे, तो पाया कि अंतिम संस्कार का भुगतान पहले ही किया जा चुका था। मृतका की मौसी ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं।


उन्होंने कहा कि बच्ची के माता-पिता को जबरन प्रिंसिपल के कमरे में ले जाकर इंतजार कराया गया। जब वे श्मशान घाट पहुंचे, तो वहां 300-400 पुलिसकर्मी तैनात थे। परिवार पूरी तरह टूट चुका था और उस स्थिति में उन्हें पैसे की पेशकश की जा रही थी। उन्होंने पूछा कि अंतिम संस्कार में इतनी जल्दी क्यों की गई? मृतका के एक भाई ने परिवार के दर्द को बताते हुए कहा कि इस साल उन्होंने राखी नहीं मनाई। वे चाहते हैं कि सभी दोषियों को सजा मिले, जब तक ऐसा नहीं होता, वे लड़ते रहेंगे।

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