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दिल्ली में नजर आया कुत्ते का आतंक, दादा की गोद से डेढ़ साल की मासूम को छीनकर नोंचा, 3 जगह टूटी हड्डी, Video

Edited By Yaspal,Updated: 19 Jan, 2024 10:20 PM

one and a half year old masun was snatched from grandfather s lap

राजधानी दिल्ली और एनसीआर के रिहायशी इलाकों में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। एक हफ्ते में दिल्ली से कुत्ते के काटने का दूसरा मामला सामने आया है। ताजा मामला बुराड़ी इलाके का है, जहां एक पिटबुल प्रजाति के कुत्ते ने डेढ़ साल की एक बच्ची को दादा...

नेशनल डेस्कः राजधानी दिल्ली और एनसीआर के रिहायशी इलाकों में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। एक हफ्ते में दिल्ली से कुत्ते के काटने का दूसरा मामला सामने आया है। ताजा मामला बुराड़ी इलाके का है, जहां एक पिटबुल प्रजाति के कुत्ते ने डेढ़ साल की एक बच्ची को दादा की गोद से छीनकर बुरी तरह से काट लिया। बच्ची के पैर में तीन फ्रैक्चर हुए। साथ ही कई जगहों पर टांके भी लगे। गनीमत रही कि कि कुछ लोग वहां मौजूद थे। जिन्होंने बड़ी मुश्किल से बच्ची को कुत्ते के जबड़े से छुड़ाया।

बुराड़ी इलाके की उत्तराखंड कॉलोनी में घटी इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। घटना 2 जनवरी की है, पिटबुल के जानलेवा हमले में बच्ची बुरी तरह से घायल हो गई। वो 17 दिनों तक अस्पताल में रही, तीन जगहों से हड्डी टूटने के अलावा उसे 18 टांके भी आए। इसके बाद से इलाके के लोग दहशत में हैं।

परिजनों का कहना है कि इस मामले की जानकारी बुराड़ी थाना पुलिस को भी दी गई, सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया गया, बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें मामला दर्ज कराने की बजाय कंप्रोमाइज करने के लिए दबाव बनाया। अभी तक इस बाबत ना तो पिटबुल कुत्ते को यहां से हटाया गया और ना ही उसके मालिक पर कोई कार्रवाई की गई।


16 जनवरी को रोहिणी से आया मामला सामने
इससे पहले 16 जनवरी को रोहिणी के सेक्टर-25 इलाके में पड़ोसी के कुत्ते ने सात वर्षीय बच्ची पर हमला कर दिया। इस घटना में बच्ची को 15 से अधिक जगहों पर चोटें आईं। घटना नौ जनवरी को उस वक्त हुई जब एक अमेरिकन बुली नस्ल के कुत्ते ने कथित तौर पर बच्ची पर हमला कर दिया। घटना के वक्त बच्ची अपनी हाउसिंग सोसायटी के अंदर दोस्तों के साथ खेल रही थी। सोसायटी के कई सदस्यों ने अपने क्षेत्र में कुत्तों के आतंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

बच्ची के पिता श्रीकांत भगत ने कहा कि बच्ची के हाथ, पीठ, कान के पीछे, पैर और आंखों के नीचे कई गंभीर चोटें आईं। भगत ने बताया, ‘‘नौ जनवरी को मेरी सात साल की बेटी शाम करीब पांच बजे अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी। मेरे पड़ोसी के पालतू कुत्ते अमेरिकन बुली ने अचानक उस पर हमला कर दिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने बहादुरी दिखाई और चिल्लाने लगी जिसके कारण हम समय पर मौके पर पहुंच गए और उसकी जान बचाने में सफल रहे।'' उन्होंने कहा कि उनकी बेटी सदमे में है और तीन दिन से अधिक समय से वह सोई नहीं है।

मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाले भगत ने कहा, ‘‘कुत्ते का मालिक अड़ा हुआ है इसलिए हमने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया है।'' पुलिस ने इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और 337 (जल्दबाजी या लापरवाही से कोई कार्य करके किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने से मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा) के तहत मामला दर्ज किया है।

PETA ने लिखा CM केजरीवाल को लेटर
पशु अधिकार समूह पेटा ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कुत्तों की ‘‘अवैध'' लड़ाई के लिये इस्तेमाल की जाने वाली कुछ नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। द पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने कहा कि दिल्ली में एक ऐसी नीति की जरूरत है, जिसका उद्देश्य पिटबुल और इसी तरह की नस्लों के पालन और प्रजनन पर प्रतिबंध लगाना है, ताकि कुत्तों और नागरिकों दोनों को नुकसान से बचाया जा सके। पत्र के मुताबिक, ''यह कोई एकमात्र घटना नहीं है। अगर दिल्ली में पिटबुल और इसी तरह की नस्लों के पालन और प्रजनन पर रोक लगाने के लिए नीति लाई जाती है तो यह कुत्तों के साथ-साथ लोगों को भी नुकसान से बचाने में मदद करेगी।''

पशु अधिकार समूह ने कहा कि पिट बुल टेरियर्स, अमेरिकन बुली और पाकिस्तानी बुली जैसे कुत्तों की नस्ल को आमतौर पर 'अवैध लड़ाई' में इस्तेमाल किया जाता है और सुरक्षा के मद्देनजर इन्हें भारी जंजीरों में बांध कर रखा जाता है। पेटा ने इस समस्या को दूर करने के लिए उपायों की सिफारिश करते हुए सुझाव दिया कि कुत्तों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए अपंजीकृत पालतू जानवरों की दुकानों और इस तरह के कुत्तों को पालने वालों पर कार्रवाई आवश्यक है। पेटा ने गली-सोसायटी के कुत्तों को गोद लेने के लिए सरकार से समर्थन देने की मांग की।
 

 

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