वन नेशन वन इलेक्शन को कैबिनेट से मिली मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा विधेयक

Edited By Utsav Singh,Updated: 18 Sep, 2024 03:09 PM

one nation one election approved proposal passed in cabinet

भारत सरकार ने "वन नेशन, वन इलेक्शन" प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत देश में सभी चुनाव एक साथ कराने की योजना है।

नई दिल्ली : मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में "एक देश, एक चुनाव" के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह बैठक पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट पर हुई। अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है, तो 2029 से लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे। इस प्रस्ताव के तहत देश में सभी चुनाव एक साथ कराने की योजना है।

गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान
मंगलवार को, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने "एक देश, एक चुनाव" को लागू करने का बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस कार्यकाल में इसे लागू करेगी। बीजेपी ने भी अपने मेनिफेस्टो में इस वादे को शामिल किया था।

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कमेटी की रिपोर्ट

  1. कमेटी का गठन: "वन नेशन-वन इलेक्शन" के लिए 2 सितंबर 2023 को एक कमेटी बनाई गई थी।
  2. रिपोर्ट की प्रस्तुति: इस कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी थी।
  3. समयावधि: रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि सभी राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाकर 2029 तक किया जाए, ताकि अगले लोकसभा चुनाव के साथ इनका चुनाव भी हो सके।

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हंग असेंबली और अविश्वास प्रस्ताव

कमेटी ने हंग असेंबली और अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में भी सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी विधानसभा के बचे हुए कार्यकाल के लिए चुनाव कराए जा सकते हैं।

चुनाव कराने के चरण
कमेटी ने सुझाव दिया है कि चुनाव दो चरणों में कराए जाएं:

  • पहला चरण: एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव।
  • दूसरा चरण: 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव।

इस प्रस्ताव से भारतीय चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।

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प्रमुख बिंदु

  1. प्रस्ताव का उद्देश्य: इससे चुनावी प्रक्रिया को सरल और लागत में कमी लाने का लक्ष्य है।

  2. कैबिनेट की बैठक: प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट में सर्वसम्मति से पास किया गया।
  3. लाभ: एक साथ चुनाव कराने से राजनीतिक स्थिरता बढ़ने और प्रशासनिक खर्चों में कमी आने की संभावना है।
  4. आगे की प्रक्रिया: अब इस प्रस्ताव को संसद में पेश किया जाएगा, जहां इस पर चर्चा और मतदान होगा।
  5. राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: विभिन्न राजनीतिक दलों से इस प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

इस कदम से भारतीय राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। 

 

 

 

 

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