Edited By Parminder Kaur,Updated: 16 Jan, 2025 11:30 AM
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की सिफारिशों को लागू करते हुए सरकार ने एक साल का बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए होगा, जिन्होंने चार साल का ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर लिया...
नेशनल डेस्क. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की सिफारिशों को लागू करते हुए सरकार ने एक साल का बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए होगा, जिन्होंने चार साल का ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है। इसके साथ ही शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े कई बड़े बदलाव किए गए हैं।फिलहाल ग्रेजुएशन स्तर पर चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) पहले से चल रहा है। यह प्रोग्राम छात्रों को टीचिंग के साथ-साथ उनके पसंदीदा विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर देता है।
NCTE की बैठक में अहम फैसले
शनिवार को नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) की गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह फैसला लिया गया। NCTE के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि गवर्निंग बॉडी ने नए रेगुलेशंस 2025 को मंजूरी दी है, जो 2014 के पुराने नियमों की जगह लेंगे।
ITEP में नए स्पेशलाइज्ड कोर्स शामिल होंगे
चार साल के ITEP प्रोग्राम को और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए इसमें नए स्पेशलाइज्ड कोर्स जोड़े जाएंगे। ये कोर्स योग शिक्षा (ITEP Yoga Education), फिजिकल एजुकेशन (ITEP Physical Education) संस्कृत (ITEP Sanskrit) और परफॉर्मिंग आर्ट्स (ITEP Performing Arts Education) विषयों में होंगे। फिलहाल, ITEP प्रोग्राम देश के 64 शिक्षा संस्थानों में चल रहा है और इसे अब अन्य विषयों में भी विस्तारित किया जाएगा।
कौन कर सकता है एक साल का B.Ed
जो छात्र चार वर्षीय ग्रेजुएशन पूरा कर चुके हैं।
जो छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं।
इन छात्रों के पास अब यह विकल्प होगा कि वे मात्र एक साल में B.Ed पूरा करके शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकें।
नए नियम क्यों जरूरी?
नए नियमों का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा को बेहतर और आधुनिक बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर की ट्रेनिंग देने पर जोर दिया गया है।