संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना का एक वर्ष पूरा: 6 आरोपी सलाखों के पीछे, जांच अब भी जारी

Edited By Pardeep,Updated: 13 Dec, 2024 12:37 AM

one year completed since the incident of breach in parliament s security

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाये जाने के एक वर्ष बाद दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने ठोस सबूत पेश कर दिए हैं और छह आरोपियों के खिलाफ पुख्ता मामला है।

नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में सेंध लगाये जाने के एक वर्ष बाद दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने ठोस सबूत पेश कर दिए हैं और छह आरोपियों के खिलाफ पुख्ता मामला है। 

संसद पर 2001 में किए गए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन पिछले साल 13 दिसंबर को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई थी जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी. सदन के भीतर कूद गए और ‘केन' के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था। इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली 'केन' लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया था। 

संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम आजाद और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे के रूप में हुई थी। आरोपियों के खिलाफ कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है क्योंकि दिल्ली पुलिस की जांच जारी है। लेकिन अधिकारियों का दावा है कि उनके पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। आरोपियों का नेतृत्व कर्नाटक निवासी मनोरंजन डी कर रहा था। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, तिहाड़ जेल में बंद छह आरोपियों के खिलाफ एक मुख्य और दो पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की आतंकवाद निरोधी इकाई, विशेष प्रकोष्ठ ने उनके खिलाफ यूएपीए की धाराओं 16 और 18 तथा भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत फोरेंसिक साक्ष्य उन्हें दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त हैं, लेकिन जांच जारी है क्योंकि एफएसएल (फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला) से कुछ रिपोर्ट की अभी प्रतीक्षा है।'' 

पुलिस जांच में अब तक सुरक्षा में सेंध में किसी भी समूह या संगठन की संलिप्तता से इनकार किया गया है। एक सूत्र ने कहा कि आरोपियों की पहली मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी और पिछले साल इसे अंजाम देने से पहले उन्होंने लगभग दो साल तक इसकी योजना बनाई थी। सूत्र ने बताया कि आरोपपत्र के मुताबिक, उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। इस बीच, संसद के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है। संसद परिसर में और उसके आसपास तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के साथ समन्वय करते हुए, दिल्ली पुलिस ने संसद के चारों ओर अतिरिक्त अवरोधक लगा दिए हैं।

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