Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Nov, 2024 06:56 PM
देश में प्याज के खुदरा दाम 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। पिछले 10 दिनों में इसमें 20 रुपये प्रति किलो का उछाल आया है, जिससे आम जनता पर महंगाई का असर दिख रहा है। हालांकि, जल्द ही लोगों को राहत मिलने की संभावना है। महाराष्ट्र में अगले 10...
नेशनल डेस्क: देश में प्याज के खुदरा दाम 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं। पिछले 10 दिनों में इसमें 20 रुपये प्रति किलो का उछाल आया है, जिससे आम जनता पर महंगाई का असर दिख रहा है। हालांकि, जल्द ही लोगों को राहत मिलने की संभावना है। महाराष्ट्र में अगले 10 दिनों में नई प्याज की फसल बाजार में आने की उम्मीद है, जिससे आपूर्ति में सुधार होगा और प्याज की कीमतें कम हो सकती हैं।
इसके अलावा, 15 दिसंबर के बाद शादियों का सीजन भी समाप्त होने वाला है, जिससे प्याज की मांग में कमी आएगी। इन दोनों कारणों से प्याज के दामों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
क्यो आई प्याज में तेजी?
बता दें कि इस सप्ताह प्याज की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी रहा। राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक से आने वाली खरीफ फसल की गुणवत्ता कमजोर रही, जिसके कारण पुरानी महंगी फसल की मांग बढ़ गई। इस समय निर्यात की मांग में भी वृद्धि हो रही है, जिससे कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है।
नासिक के पिंपलगांव बाजार में बेहतरीन गुणवत्ता वाले प्याज की अधिकतम कीमत 51 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो हो गई है। औसत कीमतें भी 51 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 58 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इसके साथ ही, बांग्लादेश द्वारा प्याज के आयात शुल्क हटाने से निर्यात में भी तेजी आई है। व्यापारियों का अनुमान है कि कीमतें केवल 8-10 दिनों के बाद ही गिरेंगी, जब देश के अन्य हिस्सों से नई फसल का आगमन शुरू होगा।
पिछले सप्ताह नासिक के प्रमुख लासलगांव बाजार में प्याज की कीमतें पांच साल के उच्चतम स्तर 54 रुपये प्रति किलो को पार कर गईं। व्यापारियों के अनुसार, दीवाली के कारण कई दिनों तक थोक बाजार बंद रहने से आपूर्ति में कमी आई, जिससे कीमतें 30-35% तक बढ़ गईं।
बाजार में फिलहाल सबसे अधिक कीमत मार्च/अप्रैल में संग्रहित रबी फसल के प्याज को मिल रही है, जबकि नई फसल का आगमन सितंबर में हुई भारी वर्षा के कारण विलंबित हुआ है।
इसके अलावा, बांग्लादेश ने स्थानीय प्याज की कीमतें कम करने के लिए 15 जनवरी तक प्याज पर आयात शुल्क हटा दिया है, जिससे भारतीय प्याज का निर्यात बढ़ गया है। भारत ने भी सितंबर में निर्यात शुल्क को आधा कर 20% कर दिया था, जिससे प्याज किसानों को राहत मिली।
खरीफ फसल से नए प्याज का आगमन कुछ बाजारों में जैसे राजस्थान के अलवर में बढ़ने लगा है। रविवार को पिछले दिन की तुलना में 40% अधिक प्याज का आगमन हुआ। जल्द ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी प्याज की आपूर्ति बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कीमतों में गिरावट का रुझान दिख सकता है।
व्यापार विशेषज्ञों का अनुमान है कि नवंबर के अंत तक थोक बाजारों में प्याज की कीमतें करीब 30 रुपये प्रति किलो तक आ सकती हैं, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी।