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RH Null Blood Group: पूरे दुनिया में सिर्फ 43 लोगों की बॉडी में है ये रेयर ब्लड ग्रुप, जानिए क्यों कहते हैं इसे 'गोल्डन ब्लड'

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Feb, 2025 01:20 PM

only 43 people in the world have this rare blood group in their body

दुनिया में ऐसे बहुत से ब्लड ग्रुप्स हैं जिनके बारे में हम सभी जानते हैं, जैसे A, B, AB और O। लेकिन क्या आपने कभी एक ऐसे ब्लड ग्रुप के बारे में सुना है जो इतनी दुर्लभ है कि पूरी दुनिया में इसके सिर्फ 43 उदाहरण हैं?

नेशनल डेस्क: दुनिया में ऐसे बहुत से ब्लड ग्रुप्स हैं जिनके बारे में हम सभी जानते हैं, जैसे A, B, AB और O। लेकिन क्या आपने कभी एक ऐसे ब्लड ग्रुप के बारे में सुना है जो इतनी दुर्लभ है कि पूरी दुनिया में इसके सिर्फ 43 उदाहरण हैं? हम बात कर रहे हैं RH Null ब्लड ग्रुप की, जिसे 'गोल्डन ब्लड' के नाम से भी जाना जाता है। आज हम इस ब्लड ग्रुप के बारे में विस्तार से जानेंगे, क्यों इसे गोल्डन ब्लड कहा जाता है और इसके खासियतें क्या हैं।

RH Null (गोल्डन ब्लड) क्या है?

RH Null ब्लड ग्रुप, जिसे गोल्डन ब्लड भी कहा जाता है, एक बेहद दुर्लभ ब्लड ग्रुप है। इस ब्लड ग्रुप में RH एंटीजन की अनुपस्थिति होती है, जिसका मतलब है कि इसमें RH-D एंटीजन का कोई भी तत्व नहीं होता। RH Null ब्लड ग्रुप के लोग जैविक रूप से किसी अन्य ब्लड ग्रुप से अलग होते हैं, क्योंकि उनके खून में कोई भी सामान्य एंटीजन नहीं पाया जाता। यही कारण है कि इस ब्लड ग्रुप को दुनिया का सबसे दुर्लभ और महत्वपूर्ण ब्लड ग्रुप माना जाता है।

गोल्डन ब्लड का नाम क्यों पड़ा?

इस ब्लड ग्रुप को गोल्डन ब्लड नाम क्यों दिया गया, यह जानना भी रोचक है। दरअसल, इसका नाम इसकी असाधारण और उच्च महत्वता को दर्शाता है। इसमें किसी प्रकार का कोई एंटीजन नहीं होता, जिससे यह खास और अलग बनता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान इसे दूसरे लोगों को देना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि इस ब्लड ग्रुप को किसी और ब्लड ग्रुप से मिलाना चुनौतीपूर्ण होता है। इस वजह से इसे 'गोल्डन' ब्लड कहा गया है।

गोल्डन ब्लड की दुर्लभता

गोल्डन ब्लड को इतना रेयर बनाने वाली बात यह है कि इसे दुनिया में केवल 43 लोग ही धारण करते हैं, और इनमें से भी कुछ ही डोनर्स सक्रिय हैं। इस ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए रक्तदान की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती बन जाती है क्योंकि इसका मिलना बहुत कठिन होता है। इसके कारण इस ब्लड ग्रुप के लोग किसी दुर्घटना या सर्जरी के बाद रक्त की कमी से जूझ सकते हैं।

रक्तदान की मुश्किलें और महत्व

गोल्डन ब्लड के दुर्लभ होने का एक और बड़ा कारण यह है कि इसके डोनर्स दुनिया में बहुत कम हैं। 43 में से केवल 9 डोनर्स ही ऐसे हैं, जो सक्रिय रूप से रक्तदान करते हैं। इसका मतलब यह है कि इस ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए ब्लड डोनेशन एक बेहद महत्वपूर्ण और जोखिम भरा काम है। प्रत्येक रक्त की एक-एक बूंद किसी खजाने से कम नहीं मानी जाती। इसके साथ ही, इसकी महत्वपूर्ण चिकित्सा आवश्यकता के कारण इसके लिए खून देने वालों की तलाश हमेशा जारी रहती है।

गोल्डन ब्लड का मेडिकल महत्व

गोल्डन ब्लड के मेडिकल क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण उपयोग होते हैं, खासकर जब किसी व्यक्ति का रक्त ग्रुप बेहद दुर्लभ हो। RH Null ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए इमरजेंसी स्थिति में रक्त प्राप्त करना बेहद कठिन होता है, इसलिए इस ब्लड ग्रुप का खून सोने की तरह कीमती माना जाता है। इसे मेडिकल रिसर्च और ट्रांसफ्यूजन के लिए एक अनमोल स्रोत माना जाता है।

 

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