कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने ऑल पार्टी मीटिंग में उठाया NEET का मुद्दा, मांगा डिप्टी स्पीकर का पद

Edited By Yaspal,Updated: 21 Jul, 2024 07:22 PM

opposition parties including congress raised the issue of neet

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में रविवार को कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और प्रतिष्ठित नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दे उठाए

नेशनल डेस्कः संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में रविवार को कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और प्रतिष्ठित नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दे उठाए। इसके साथ ही कांग्रेस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर भोजनालयों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का मुद्दा भी उठाया तथा स्पष्ट संकेत दिया कि वह इस सत्र को हंगामेदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।

सहयोगी दलों ने मांगा विशेष राज्य का दर्जा
इतना ही नहीं, सरकार के सहयोगी और महत्वपूर्ण मौकों पर उसका साथ देने वाले अन्य दलों ने भी अपने-अपने राज्यों के विशेष दर्जे का मुद्दा उठाते हुए केंद्र को अपनी प्राथमिकताओं से अवगत कराया और अपने भावी रुख का मुजाहिरा किया। सरकार ने सत्र से पहले होने वाली इस पारंपरिक बैठक में कई छोटे दलों को आमंत्रित किया और सभी मुद्दों पर चर्चा करने की अपनी इच्छा व्यक्त की। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने जोर देकर कहा कि यह नियमों के अनुसार होनी चाहिए। उन्होंने संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह सामूहिक जिम्मेदारी है।

भाजपा के सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड), बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधियों ने 44 दलों के साथ हुई बैठक में क्रमश: बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान विपक्षी राजद ने भी विशेष दर्जे की बिहार की मांग दोहराई।

INDI गठबंधन ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति
कांग्रेस नेता के. सुरेश ने कहा कि परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगने में 'इंडिया' गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ उनकी पार्टी भी शामिल हुई। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों, मणिपुर की स्थिति, रेल दुर्घटनाओं, बेरोजगारी और महंगाई सहित कई अन्य मुद्दों पर संसद में चर्चा की जरूरत पर भी जोर दिया। कांग्रेस ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं से संबंधित मुद्दा भी उठाया, जिसके अध्यक्ष ने हाल ही में कथित व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और आम आदमी पार्टी (आप) सहित कई विपक्षी दलों के रुख से यह स्पष्ट है कि वे इन मुद्दों पर सरकार को तो घेरेंगे ही लेकिन साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश से बढ़ी राजनीतिक गर्मी को भी कमजोर नहीं पड़ने देंगे, जिसमें कांवड़ मार्ग पर भोजनालयों के अलावा खाने की चीजें बेचने वाले ठेले के मालिकों को भी अपने नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने आरोप लगाया कि यह कदम स्पष्ट रूप से मुसलमानों को निशाना बनाकर उठाया गया है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया।

संजय सिंह ने उठाया केजरीवाल की गिरफ्तारी की मुद्दा
सुरेश ने कहा कि कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सर्वदलीय बैठक में इस फैसले की आलोचना की जबकि आप के संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने भी इस मुद्दे को उठाया। सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया और नरेन्द्र मोदी सरकार पर आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने का आरोप लगाया जो आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र पिछले नौ साल से दिल्ली को केवल 350 करोड़ रुपये आवंटित कर रहा है और 23 जुलाई को बजट पेश होने पर यह राशि इतनी ही रहेगी।

द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की और इस मुद्दे पर चर्चा कराने पर जोर दिया। सरकार ने अपनी ओर से विपक्षी दलों से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित नहीं करने को कहा है और संसद को सुचारू रूप से चलाने में उनका सहयोग मांगा है।

रीजीजू ने कहा कि राजनाथ सिंह ने पिछले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के समय प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के दौरान विपक्ष के लगातार विरोध को याद किया और कहा कि इस तरह का व्यवधान नहीं होना चाहिए। बैठक में राज्यसभा में सदन के नेता और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस के जयराम रमेश, केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता चिराग पासवान सहित 55 नेता शामिल हुए। सरकार ने तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में निर्दलीय सदस्यों को छोड़कर केवल एक सदस्य वाले दलों सहित सभी दलों को आमंत्रित किया।

टीएमसी नहीं हुई बैठक में शामिल
तृणमूल कांग्रेस ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि पार्टी रविवार को कोलकाता में अपनी वार्षिक शहीद दिवस रैली में व्यस्त थी। वाईएसआर कांग्रेस के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में तेदेपा सरकार के गठन के बाद राज्य में अराजकता का आरोप लगाया और राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की। बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की मांग के अलावा जद (यू) नेता संजय कुमार झा ने पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के कारण उत्तर बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ को रोकने के लिए केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की।

बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी सदन के पटल पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी। बैठक में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अभय कुशवाहा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। सत्र सोमवार से शुरू होगा। यह 12 अगस्त तक प्रस्तावित है। इस दौरान 19 बैठकें होनी हैं। सत्र के दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसमें एक 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए है। इस दौरान जम्मू एवं कश्मीर के बजट को भी संसद की ओर से मंजूरी दी जानी है। इस पूर्ववर्ती प्रदेश में वर्तमान में राष्ट्रपति शासन लागू है। सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी।

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