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बीयर की कीमत में इज़ाफे पर विपक्ष बोला- सरकार ने आम आदमी पर बोझ डाला

Edited By Radhika,Updated: 14 Feb, 2025 11:57 AM

opposition took a jibe at the increase in the price of beer

तेलंगाना सरकार ने हाल ही में बीयर की कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला किया है, जिसे लेकर राजनीति में हंगामा मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि इस कदम...

नेशनल डेस्क : तेलंगाना सरकार ने हाल ही में बीयर की कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला किया है, जिसे लेकर राजनीति में हंगामा मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने इस फैसले को जनविरोधी बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि इस कदम से आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। नई कीमतें 11 फरवरी से तेलंगाना में लागू हो गई हैं।

BJP प्रवक्ता एनवी सुभाष ने मीडिया से बात करते हुए तेलंगाना सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "यह फैसला दिखाता है कि सरकार लोगों के फायदे की बजाय शराब कंपनियों के मुनाफे को तवज्जो दे रही है। महंगाई के समय में बीयर की कीमतें बढ़ाना आम नागरिक के लिए बड़ी समस्या है। हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत इस बढ़ोतरी को वापस ले।"

BRS नेता डॉ. दासोजू श्रवण ने इस मुद्दे पर सरकार से सवाल किया और कहा, "मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने पहले यह वादा किया था कि शराब कंपनियां सरकारी नीतियां नहीं बनाएंगी, लेकिन यूएबीएल (यूनाइटेड ब्रूवरीज लिमिटेड) के दबाव में यह फैसला लोगों के विश्वास के साथ धोखा है।" उन्होंने आरोप लगाया कि बीयर की आपूर्ति रोकने के बाद यूएबीएल द्वारा कीमतें बढ़ाना एक प्रकार का "क्विड प्रो क्वो" (लेन-देन) दिखाता है।

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यह विवाद तब शुरू हुआ जब यूएबीएल (यूनाइटेड ब्रूवरीज लिमिटेड) ने तेलंगाना बेवरेजेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीबीसीएल) को फरवरी में बीयर की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी। कंपनी ने इसकी वजह 2019-2020 से लंबित कीमतों में संशोधन और देरी से भुगतान को बताया। इसके बाद राज्य सरकार ने बीयर की कीमतों में 15 फीसदी बढ़ोतरी को मंजूरी दी, जिसे विपक्ष ने कॉर्पोरेट दबाव में आकर फैसला लेने का आरोप लगाया।

सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि बीयर की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला टीबीसीएल और कंपनियों के बीच लंबे समय से चल रहे मूल्य विवाद को सुलझाने के लिए लिया गया है।

आने वाले बजट सत्र में यह मुद्दा विधानसभा में उठ सकता है। BRS और BJP ने इसे विधानसभा में उठाने और जन आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। अब जनता की नजरें मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर हैं, जिनसे इस फैसले पर स्पष्टीकरण और पुनर्विचार की मांग की जा रही है।

 

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