Edited By Mahima,Updated: 22 Jan, 2025 10:05 AM
Oracle के सीईओ Larry Ellison ने दावा किया है कि AI की मदद से 48 घंटों में कैंसर का पता और कस्टम वैक्सीनेशन तैयार किया जा सकेगा। उन्होंने इसे भविष्य में कैंसर के इलाज की क्रांतिकारी प्रक्रिया बताया। रूस और अमेरिका के कैंसर वैक्सीनेशन प्रयासों से इस...
नेशनल डेस्क: Oracle के सीईओ Larry Ellison ने हाल ही में एक बेहद महत्वपूर्ण और बड़ा दावा किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से कैंसर का पता केवल 48 घंटों में लगाया जा सकेगा और इसके साथ ही कस्टम कैंसर वैक्सीन भी तैयार की जा सकेगी। उनका यह दावा कैंसर जैसे घातक और जटिल रोग से निपटने के लिए एक आशाजनक पहल हो सकता है।
48 घंटों के भीतर AI के द्वारा कैंसर का डिटेक्शन
Larry Ellison ने अपने बयान में कहा कि AI की मदद से कैंसर का प्रारंभिक निदान करने में पहले से कहीं अधिक तेजी लाई जा सकती है। वे मानते हैं कि अगले कुछ वर्षों में AI के द्वारा कैंसर का पता महज 48 घंटों के भीतर लगाया जा सकेगा। इसके बाद, उसी व्यक्ति के लिए कस्टम वैक्सीन भी बनाई जा सकेगी, जो खास तौर पर उस व्यक्ति के कैंसर के प्रकार और स्थिति के हिसाब से तैयार की जाएगी। एलिसन ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में AI का उपयोग मरीज के कैंसर की पहचान करने के लिए किया जाएगा, फिर उस व्यक्ति के शरीर के इम्यून सिस्टम को समझते हुए एक वैक्सीन तैयार की जाएगी, जो कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करेगी। इसके जरिए कैंसर के इलाज में क्रांति आ सकती है, क्योंकि यह व्यक्ति विशेष के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार किया गया उपचार होगा, जो अधिक प्रभावी साबित हो सकता है। हालांकि, एलिसन ने स्पष्ट किया कि यह तकनीक भविष्य में उपलब्ध हो सकती है, लेकिन इसके लिए कई सालों का शोध और तकनीकी विकास करना होगा। उनकी उम्मीद है कि आने वाले समय में यह प्रक्रिया संभव हो सकेगी, और यह कैंसर के इलाज में एक नई दिशा दे सकती है।
2025 से होगी कैंसर की वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू
Larry Ellison का यह दावा तब आया है जब रूस ने पहले ही घोषणा की है कि 2025 से कैंसर की वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रूस का यह कदम वैश्विक स्तर पर एक बड़ी घटना हो सकता है, क्योंकि अगर यह प्रक्रिया सफल होती है, तो रूस पहला देश होगा जिसने अपने नागरिकों को मुफ्त कैंसर वैक्सीनेशन प्रदान किया। रूस में इस वैक्सीनेशन को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा, और इसका उद्देश्य कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने के लिए एक प्रभावी उपाय तैयार करना है। दूसरी ओर, अमेरिका में भी कैंसर के इलाज के लिए कई शोध और परीक्षण चल रहे हैं। उदाहरण के लिए, फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 2024 में कैंसर के 4 मरीजों पर पर्सनलाइज्ड कैंसर वैक्सीन का परीक्षण किया। उनके शोध के परिणाम सकारात्मक रहे थे, और उन्होंने दावा किया था कि वैक्सीनेशन के महज दो दिन बाद मरीजों के शरीर में कैंसर से लड़ने के लिए एक मजबूत इम्यून सिस्टम विकसित हो गया था। अमेरिका में इस तरह के प्रयोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि कैंसर के इलाज के लिए एक प्रभावी और किफायती वैक्सीनेशन विकसित की जा सके।
दुनिया में हर 6 में से 1 व्यक्ति की मौत का कारण कैंसर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कैंसर दुनियाभर में मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। हर साल कैंसर के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। WHO के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में हर 6 में से 1 व्यक्ति की मौत कैंसर के कारण होती है, जो इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है। भारत में भी कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2023 के बीच कैंसर के 71 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं, और अकेले 2023 में ही लगभग 15 लाख नए कैंसर मरीजों का पंजीकरण हुआ था। कैंसर से हुई मौतों की संख्या भी चिंताजनक है, जो पिछले पांच सालों में करीब 40 लाख रही है। इनमें से सबसे अधिक 8.28 लाख मौतें 2023 में हुई थीं। भारत में यह संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है, और इस प्रकार 2025 तक भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 15 लाख के पार हो सकती है।
भारत और अन्य देशों के लिए अहम मौका
कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए, Larry Ellison का यह दावा बहुत अहम हो सकता है। अगर AI की मदद से कैंसर का जल्दी और सटीक निदान किया जा सकता है और उसके लिए कस्टम वैक्सीनेशन तैयार की जा सकती है, तो यह पूरी दुनिया में कैंसर के इलाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। अमेरिका और रूस के कैंसर वैक्सीनेशन के प्रयासों से अगर इस दिशा में सफलता मिलती है, तो इसका लाभ दुनिया भर के मरीजों को हो सकता है, विशेषकर विकासशील देशों में जहां चिकित्सा संसाधन सीमित हैं।
AI और बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कई नई उम्मीदें
भविष्य में कैंसर के इलाज के लिए AI और बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कई नई उम्मीदें जताई जा रही हैं। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और इसके लिए अधिक शोध और परीक्षण की आवश्यकता है। लेकिन अगर Larry Ellison का दावा सच साबित होता है और कैंसर का इलाज इस तेजी से किया जा सकता है, तो यह चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है। यह न केवल कैंसर के इलाज के तरीकों को बदल सकता है, बल्कि इससे लाखों लोगों की जिंदगी बचाने में मदद मिल सकती है।