Edited By Pardeep,Updated: 11 Jan, 2023 10:38 PM
ऑन्कोकुर के बायो-नैनो वैज्ञानिक डॉ. विजय कानुरु ने शुरुआती चरण के मुंह के कैंसर के इलाज और रोकथाम के लिए एक उन्नत प्रभावी नैनो दवा विकसित की है।
पुणेः ऑन्कोकुर के बायो-नैनो वैज्ञानिक डॉ. विजय कानुरु ने शुरुआती चरण के मुंह के कैंसर के इलाज और रोकथाम के लिए एक उन्नत प्रभावी नैनो दवा विकसित की है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक प्रमुख चिकित्सा पत्रिका जर्नल ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी की रिपोर्ट में इस दवा की प्रभावशीलता, नैनो करक्यूमिन का उपयोग करके विकसित की गई ‘ब्रेकैन' को नैदानिक परीक्षणों को प्रलेखित किया गया है। डॉ. विजय कानुरु आज शहर में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले हैं। देश में सभी प्रकार के कैंसर में 30 प्रतिशत मुंह का कैंसर है, क्योंकि प्रति एक लाख आबादी पर 20 लोग मुंह के कैंसर से प्रभावित हैं। भारत में मुंह के कैंसर के कारण हर घंटे पांच से अधिक लोगों की मौत होती है और इसलिए मेरा लक्ष्य मुंह के कैंसर की रोकथाम के लिए एक उन्नत नैनोमेडिसिन विकसित करना था।''
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मुंह के कैंसर के लिए विशेष रूप से कोई नैनो फॉर्मूलेशन विकसित नहीं किया गया था।'' डॉ. विजय कानुरु के अनुसार, कैंसर के प्रारंभिक चरण वाले 30 रोगियों पर क्लिनिकल परीक्षण किया गया था और इसके परिणाम बेहद सकारात्मक रहे।
उन्होंने कहा, ‘‘घाव के आकार में कमी, घावों की संख्या, बीमारी के चरण में कमी, और सीरम सुपरऑक्साइड डिसूटेज (एसओडी) के स्तर में वृद्धि हुई। मरीजों को दर्द से भी राहत मिली। इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद मिली।'' उन्होंने यह भी कहा कि ब्रेकॉन हानिकारक स्टेरॉयड के उपयोग के बिना शुरुआती चरण के कैंसर के घावों का इलाज करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कैंसर के उपचार के दौरान और बाद में जहरीले केमो और दर्दनाक विकिरण उपचारों पर निर्भरता को भी रोक सकता है और कम कर सकता है। यह कैंसर को फिर से होने से रोकने में भी सहायक है।'' उन्होंने कहा कि इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है और यह बेहद किफायती है। डॉ. कनुरू एसपीपीयू (सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय) के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी पूरी करने से पहले यहीं से स्नातकोत्तर किया था। उन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड मेडिकल स्कूल से भी पढ़ाई की है।