मनमोहन सिंह को पूरी दुनिया ने दी श्रद्धांजलि, पाक PM शहबाज और नवाज शरीफ ने नहीं जताया शोक ! हो रही थू-थू

Edited By Tanuja,Updated: 30 Dec, 2024 07:50 PM

outrage over no pak presence at manmohan funeral

पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त न करने के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के फैसले की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हुई...

International Desk:  पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त न करने के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के फैसले की सोशल मीडिया पर दुनिया थू-थू  कर रही है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले के गाह गांव में जन्मे सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनका पिछले बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सिंह के निधन पर दुनिया भर से शोक संदेश आए लेकिन न तो शहबाज शरीफ और न ही उनके बड़े भाई और तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ ने उनके निधन पर कोई शब्द कहे। देश ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी। इस मौके पर कई देशों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर शोक जताया। लेकिन पाकिस्तान से किसी उच्च स्तरीय अधिकारी की अनुपस्थिति और शाही परिवार की ओर से सार्वजनिक रूप से शोक न जताने पर पत्रकारों और बुद्धिजीवियों में नाराजगी देखी गई।

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पाकिस्तान सरकार की ओर से केवल उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान की जनता और सरकार की ओर से डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।" पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत जावेद, जो वहां के प्रमुख अखबारों में लिखते हैं, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, "मुझे सच में लगता है कि पाकिस्तान से किसी उच्च स्तरीय नेता को डॉ. मनमोहन सिंह, जो दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे, के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहिए था। आखिरकार, वह उन भारतीय नेताओं की आखिरी पीढ़ी का हिस्सा थे जो यहां से पाकिस्तान गए थे। मैंने उनसे एक बार मुलाकात की थी और उन्होंने भावुक होकर अपने गांव (जो अब चकवाल जिले में है) की बात की थी।"  जावेद ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और बेनजीर भुट्टो राजीव गांधी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, हालांकि उस वक्त राजीव प्रधानमंत्री नहीं थे।  

 

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पाकिस्तानी पत्रकार फरहान खान, जो पहले एक्सप्रेस न्यूज़ और रेडियो पाकिस्तान के साथ काम कर चुके हैं, ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के छोटे भाई की मौत पर शोक जताया था, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर उनके आधिकारिक अकाउंट से कोई संदेश नहीं आया। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को स्थायी सरकार (पाकिस्तान की सेना) से इस पर शोक व्यक्त करने की अनुमति नहीं दी गई।" इसके विपरीत, शहबाज शरीफ और पाकिस्तान सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर संवेदना व्यक्त करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। उन्होंने ‘एक्स' पर शोक संदेश जारी किए, जिसे शहबाज शरीफ सरकार ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सोशल मीडिया पर असहमति के स्वरों को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।


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विल्सन सेंटर साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने रविवार को ‘एक्स' पर कहा, “न तो शाहबाज और न ही नवाज शरीफ ने मनमोहन सिंह के निधन पर सार्वजनिक रूप से शोक व्यक्त किया है। इशाक डार की ओर से एक संदेश आया था। फिर भी, यह हैरान करने वाला है। वे समकालीन थे, उनके आर्थिक विचार समान थे और वे भारत-पाकिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने की इच्छा रखते थे।” उन्होंने आगे कहा: “मुझे वास्तव में भारत-पाक संबंधों में अब इतना कुछ दांव पर नहीं लगता, क्योंकि शरीफों को लगता है कि अगर वे मोदी को नाराज करेंगे तो कुछ खो सकते हैं।

 

इसके अलावा मुझे नहीं लगता कि अगर वे सिंह के बारे में कुछ कहते हैं तो मोदी को इससे कोई परेशानी होगी। यह सब थोड़ा अजीब है!” पाकिस्तानी लेखिका और सैन्य मामलों की विशेषज्ञ आयशा सिद्दिका ने व्यंग्यात्मक लहजे में एक्स पर कहा: “ऐसा लगता है कि वे - शरीफ बंधु - मोदी को नाराज नहीं करना चाहते, या शायद पीएमएलएन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) का यह कहना है कि जो चला गया, वह चला गया और बात खत्म हो गई।” पाकिस्तानी पत्रकार अम्मारा अहमद ने कहा: “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इसका मतलब है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।  

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