Edited By Tanuja,Updated: 26 Dec, 2024 12:40 PM
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कनाडा के 200 से ज्यादा कॉलेजों की जांच शुरू की है, जिन पर भारतीयों को अवैध रूप से अमरीका भेजने के रैकेट में शामिल होने का शक है...
Inernational Desk: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कनाडा के 200 से ज्यादा कॉलेजों की जांच शुरू की है, जिन पर भारतीयों को अवैध रूप से अमरीका भेजने के रैकेट में शामिल होने का शक है। इस रैकेट के माध्यम से कई भारतीयों को अमरीका पहुंचाने के लिए कनाडा के कॉलेजों में दाखिला दिलाया जाता था, जबकि वे असल में कभी इन कॉलेजों में नहीं जाते थे। ईडी ने इस मामले में 10 और 19 दिसंबर को मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में आठ स्थानों पर छापेमारी की और 19 लाख रुपये के बैंक खाते फ्रीज कर दिए। साथ ही कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और दो वाहन भी जब्त किए गए।
यह मामला 19 जनवरी 2022 को कनाडा की सीमा पार कर रहे गुजरात के डिंगचा गांव के चार लोगों की मौत से जुड़ा हुआ है। इन लोगों की मौत अवैध रूप से कनाडा से अमरीका के रास्ते जाने के दौरान कड़ी ठंड में हुई थी। ईडी के अनुसार, इस रैकेट के सदस्य पहले भारतीयों को कनाडा के कॉलेजों में एडमिशन दिलवाते थे और फिर उनके लिए कनाडा स्टूडेंट वीजा का आवेदन करते थे। लेकिन, ये छात्र कभी कॉलेजों में दाखिला नहीं लेते थे। इसके बजाय, उन्हें अवैध रूप से कनाडा-अमरीका सीमा पार करवाई जाती थी। अमरीका पहुंचने के बाद, इन छात्रों से वसूली गई रकम वापस कनाडा के कॉलेजों के खातों में भेज दी जाती थी।
जांच में यह भी सामने आया कि इस रैकेट में शामिल लोग प्रत्येक व्यक्ति से 55 से 60 लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे। इसके लिए विभिन्न देशों के कॉलेजों में छात्रों को दाखिल करवा कर और उनके लिए वीजा प्रोसेस करवा कर पैसे कमाए जाते थे। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह भी पता चला कि यह रैकेट केवल कुछ ही कॉलेजों तक सीमित नहीं था। गुजरात में करीब 1700 एजेंट इस मामले में शामिल थे, और पूरे भारत में लगभग 3500 एजेंट सक्रिय थे। इनमें से करीब 800 एजेंट विशेष रूप से सक्रिय थे। ईडी ने यह भी खुलासा किया कि कनाडा के 112 कॉलेजों ने इस रैकेट से जुड़े एजेंटों के साथ समझौता किया था। साथ ही, 150 से अधिक अन्य कॉलेजों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। इन कॉलेजों के बारे में अभी और सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।