Edited By Radhika,Updated: 22 Mar, 2025 04:29 PM

दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन भरने से रोकने जा रही है। इसके लिए शहर के 80% पेट्रोल पंपों पर डिवाइस लगाए हैं जो डीरजिस्टर्ड और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बिना चल रहे वाहनों को पहचानेंगे।
नेशनल डेस्क : दिल्ली सरकार 1 अप्रैल से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन भरने से रोकने जा रही है। इसके लिए शहर के 80% पेट्रोल पंपों पर डिवाइस लगाए हैं जो डीरजिस्टर्ड और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बिना चल रहे वाहनों को पहचानेंगे। नियम उल्लंघन करने पर पंप कर्मी ईंधन देने से मना कर देंगे।
ओवरएज वाहनों की पहचान के लिए तकनीक का इस्तेमाल-
दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पंपों पर ANPR यानि की ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे लगाए हैं। इन कैमरों की मदद से पुराने और pollution control certificate के बिना चल रहे वाहनों को पहचानने में मदद करेंगे। अगर कोई इन वाहन नियमों का उल्लंघन करता है, तो सिस्टम उसे फ्लैग कर देगा और पंप कर्मी उसे ईंधन देने से मना कर देंगे।

पुराने वाहनों के लिए सख्त कार्रवाई-
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार 10 साल पुराने डीजल व्हीकल और 15 साल पुराने पेट्रोल व्हीकल अपने आप डीरजिस्टर्ड हो जाते हैं। यदि ये वाहन सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर पाए जाते हैं, तो परिवहन विभाग इन्हें जब्त कर लेगा। दिल्ली सरकार ने इन वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए मालिकों को प्रोत्साहन देने वाली नीति भी शुरू की है।
वाहनों को स्क्रैप करने पर प्रोत्साहन-
दिल्ली सरकार ने ओवरएज वाहनों के स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहन योजना भी लागू की है। इसके तहत जब्त किए गए वाहन तभी छोड़े जाएंगे जब उनके मालिक उन्हें किसी निजी परिसर में पार्क करने या अन्य राज्य में पंजीकृत कराने के लिए सहमत होंगे।