Edited By Pardeep,Updated: 02 Jan, 2025 06:09 AM
सुप्रीम कोर्ट 1991 के उपासना स्थल अधिनियम के क्रियान्वयन की मांग संबंधी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर दो जनवरी को सुनवाई करेगा।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट 1991 के उपासना स्थल अधिनियम के क्रियान्वयन की मांग संबंधी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर दो जनवरी को सुनवाई करेगा। यह कानून किसी स्थल के धार्मिक चरित्र को वैसा ही बनाए रखने के लिए कहता है जैसा वह 15 अगस्त, 1947 को था। ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन' (एआईएमआईएम) के प्रमुख एवं सांसद ओवैसी ने वकील फुजैल अहमद अय्यूबी के माध्यम से 17 दिसंबर, 2024 को याचिका दायर की थी।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने 1991 के कानून के खिलाफ इसी तरह की याचिकाओं पर कार्रवाई करते हुए सभी अदालतों को धार्मिक स्थानों को पुनः प्राप्त करने संबंधी नए मुकदमों पर विचार करने और लंबित मामलों में कोई अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था। उपासना स्थल अधिनियम, 1991 किसी भी उपासना स्थल का धार्मिक चरित्र बदलने पर रोक लगाता है और इसे वैसा ही बनाए रखने का प्रावधान करता है जैसा कि वह 15 अगस्त, 1947 को था।
एआईएमआईएम प्रमुख के वकील ने कहा, ‘‘ओवैसी ने अपनी याचिका में केंद्र को कानून का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है।'' उन्होंने उन उदाहरणों का भी जिक्र किया जहां कई अदालतों ने हिंदू वादियों की याचिका पर मस्जिदों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। संभावना है कि शीर्ष अदालत 2 जनवरी को ओवैसी की याचिका को सुनवाई के लिए लंबित मामलों के साथ संलग्न कर देगी।