Edited By rajesh kumar,Updated: 29 Nov, 2024 05:35 PM
केरल के वित्त विभाग ने एक नगरपालिका में गरीबों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों की समीक्षा की है, जिसमें पता चला है कि बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों के मालिक और वातानुकूलित मकानों में रहने वाले लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
नेशनल डेस्क: केरल के वित्त विभाग ने एक नगरपालिका में गरीबों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों की समीक्षा की है, जिसमें पता चला है कि बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों के मालिक और वातानुकूलित मकानों में रहने वाले लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि मलप्पुरम जिले में कोट्टक्कल नगर पालिका के अंतर्गत की गई समीक्षा में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
उन्होंने बताया कि इसके बाद राज्य के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने अधिकारियों को पूरे राज्य में ऐसा ऑडिट करने और लाभार्थी सूची से सभी अपात्र व्यक्तियों को हटाने का निर्देश दिया है। केरल में राजपत्रित अधिकारियों और कॉलेज के प्रोफेसरों समेत लगभग 1,500 सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के फर्जी तरीके से सामाजिक सुरक्षा पेंशन हासिल करने से जुड़ी खबरों को लेकर व्याप्त आक्रोश के बीच यह नया खुलासा हुआ है।
वित्त मंत्री का मामले पर सख्त रुख
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सभी स्थानीय स्वशासी निकायों को बैंक खातों के माध्यम से पेंशन राशि प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की पात्रता का नियमित मूल्यांकन करने का निर्देश दिया जाएगा। राज्य के वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने कोट्टक्कल मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को उन अधिकारियों की सतर्कता जांच के आदेश दिए, जिन्होंने गरीबों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में कथित तौर पर ऐसे समृद्ध व्यक्तियों को शामिल किया था। एक सूत्र ने कहा, “वित्त मंत्री ने पात्रता का सत्यापन करने वाले अधिकारियों, आय प्रमाण पत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारियों और पेंशन को मंजूरी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सतर्कता जांच की बात कही है। वित्त विभाग ने प्रशासनिक विभागों को तुरंत अनुवर्ती कार्रवाई की रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।”
42 लाभार्थियों की जांच, 38 अपात्र पाए गए
कोट्टक्कल नगर पालिका के 7वें वार्ड में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारी की गई इस जांच से पहले मलप्पुरम वित्त लेखा परीक्षा विभाग ने पेंशन लाभार्थियों की जांच की थी। सूत्र ने कहा, “42 लाभार्थियों की जांच की गई, जिनमें से 38 अपात्र पाए गए और एक की मृत्यु हो चुकी है।” अधिकारियों के अनुसार, ऑडिट में बीएमडब्ल्यू कारों के मालिकों समेत अपात्र व्यक्तियों के पेंशन का लाभ लेने जैसे चौंकाने वाले मामले सामने आए। एक अधिकारी ने कहा, "कुछ पेंशनभोगी कथित तौर पर एयर कंडीशनड़ जैसी सुविधाओं वाले घरों में रहते हैं। ऐसे भी उदाहरण मिले, जिनमें सरकारी नौकरी कर चुके पेंशनभोगियों के पति या पत्नी कल्याण पेंशन ले रहे थे।”
ऑडिट में पता चला कि कई अपात्र लाभार्थी 2,000 वर्ग फुट से बड़े मकानों में रह रहे हैं। वित्त विभाग को एक ही वार्ड की पेंशन सूची में बड़े पैमाने पर अयोग्य लाभार्थियों को शामिल करने के पीछे भ्रष्टाचार और मिलीभगत का संदेह है। परिणामस्वरूप, सरकार ने कोट्टक्कल नगर पालिका में सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों की पात्रता की जांच करने का निर्णय लिया। स्थानीय स्वशासन विभाग को यह मामला सामने आने के बाद नगर पालिका को निर्देश देने के लिए कहा गया है।
1,458 सरकारी कर्मचारी पेंशन ले रहे
इससे पहले, सूचना केरल मिशन द्वारा किए गए निरीक्षण में पता चला था कि राज्य में 1,458 सरकारी कर्मचारी सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। मिशन ने वित्त मंत्री बालगोपाल से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई का अनुरोध किया था। केरल सरकार ने विभिन्न कल्याणकारी पेंशन योजनाओं के लिए सख्त पात्रता मानदंडों की रूपरेखा तैयार की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका लाभ केवल सही मायने में पात्र लोगों को मिले। ऐसी पेंशन योजनाओं का लाभ उठाने के सामान्य मानदंडों में शामिल है कि आवेदकों की वार्षिक पारिवारिक आय एक लाख रुपये से कम होनी चाहिए और उनके पास महंगे वाहन और आलीशान मकान नहीं होने चाहिए। दूसरी पेंशन प्राप्त करने वाले, आयकर का भुगतान करने वाले या देखभाल गृहों में रहने वाले भी पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं है।