Edited By Rahul Rana,Updated: 23 Dec, 2024 11:48 AM
पाली शहर के बांगड़ हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार में एक भाई-बहन ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन दोनों ने आंखों में काली पट्टी बांधकर किताब को न केवल पढ़ा बल्कि शब्दों और वस्तुओं की पहचान भी की और यह भी बताया कि कौन सा रंग...
नेशनल डेस्क। पाली शहर के बांगड़ हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार में एक भाई-बहन ने अपनी अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन दोनों ने आंखों में काली पट्टी बांधकर किताब को न केवल पढ़ा बल्कि शब्दों और वस्तुओं की पहचान भी की और यह भी बताया कि कौन सा रंग है वह भी बिना देखे। इस अनूठे प्रदर्शन को देखकर वहां मौजूद डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ़ तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं सके।
कैसे किया यह कमाल?
यह घटना पाली के हाउसिंग बोर्ड इलाके के सूर्य प्रताप जेतावत (10वीं कक्षा के छात्र) और उनकी बहन यशस्वी सेनिमान के द्वारा की गई। सेमिनार में दोनों ने आंखों पर पट्टी बांधकर किताब को पढ़ा शब्दों और वस्तुओं की पहचान की और यहां तक कि रंग भी बताए जिसके बाद वहां मौजूद लोग हैरान रह गए और तालियां बजाने लगे।
इस प्रदर्शन के पीछे था मेडिटेशन का असर इस अद्भुत प्रदर्शन के पीछे का कारण था दोनों का मेडिटेशन अभ्यास। सूर्य प्रताप ने बताया कि उन्होंने जोधपुर के केरू में हार्टफुलनेस संस्था के 9 दिन के कैंप में भाग लिया था। इस कैंप में उन्होंने मेडिटेशन की कई तकनीकों के बारे में सीखा और अपने दिमाग का सक्रियण बढ़ाया। इस अभ्यास के बाद वे दोनों जल्दी उठने लगे और दिन में और रात को सोने से पहले मेडिटेशन करने लगे। यशस्वी ने बताया कि मेडिटेशन के कारण अब उनकी पढ़ाई में भी ज्यादा ध्यान लगता है और उनका मन शांत रहता है।
मेडिटेशन के फायदे भाई-बहन ने बताया कि मेडिटेशन का अभ्यास मानसिक शांति और बेहतर फोकस के लिए फायदेमंद है। यह तकनीक मानसिक डिटॉक्स के रूप में भी काम करती है जिससे नकारात्मक भावनाओं को बाहर निकाला जा सकता है और तनाव को कम किया जा सकता है। मेडिटेशन से उनका ध्यान केंद्रित होता है और वे हमेशा रिलैक्स रहते हैं।
इस प्रदर्शन से यह साबित होता है कि मेडिटेशन सिर्फ मानसिक शांति के लिए ही नहीं बल्कि शारीरिक और बौद्धिक विकास में भी मददगार हो सकता है।