Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Apr, 2025 03:17 PM
कश्मीर की जन्नत कहे जाने वाले पहलगाम की वादियां मंगलवार को गोलियों की गूंज से दहल उठीं। आतंकियों ने जिस बेरहमी से निहत्थे पर्यटकों को अपना निशाना बनाया, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब जांच में जो खुलासे हुए हैं, वो दिल दहला देने वाले हैं।...
नेशनल डेस्क: कश्मीर की जन्नत कहे जाने वाले पहलगाम की वादियां मंगलवार को गोलियों की गूंज से दहल उठीं। आतंकियों ने जिस बेरहमी से निहत्थे पर्यटकों को अपना निशाना बनाया, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। अब जांच में जो खुलासे हुए हैं, वो दिल दहला देने वाले हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस पूरे खूनी खेल को आतंकियों ने कैमरे में रिकॉर्ड किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हमले में शामिल तीनों आतंकी न सिर्फ अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे, बल्कि उनके हेलमेट पर कैमरे भी लगे थे। इस वीभत्स हमले को उन्होंने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया। बैसरन घाटी को चुनने के पीछे भी एक सोची-समझी साजिश थी।
प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि तीन आतंकी अत्याधुनिक हथियारों के साथ हेलमेट में लगे कैमरों से लैस थे, जिससे उन्होंने हमले की हर झलक को रिकॉर्ड किया। टूरिस्ट ग्रुप को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने पहले महिलाओं और पुरुषों को अलग किया, फिर उनकी पहचान के आधार पर चुन-चुन कर फायरिंग की। कुछ को दूर से सटीक निशानेबाज़ी कर मारा गया, जबकि कई लोग समय पर मेडिकल सहायता न मिलने की वजह से दम तोड़ बैठे।
बैसरन घाटी को हमले के लिए रणनीतिक रूप से चुना गया था – यह जगह जितनी खूबसूरत है, उतनी ही दुर्गम भी है। यहां भारी संख्या में पर्यटक आते हैं, जिससे आतंकियों को अधिक जनहानि की आशंका थी, और यही उनकी मंशा भी थी। साथ ही, इस इलाके की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि सुरक्षा बलों को समय पर पहुंचने में बाधा आती है।
हमले की खबर मिलते ही पूरे देश में आक्रोश फैल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस वक्त सऊदी अरब दौरे पर थे, यात्रा बीच में ही छोड़कर तुरंत भारत लौट आए। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने सख्त संदेश देते हुए कहा, "इस बर्बर कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।"
घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि आतंक का चेहरा कितना निर्दयी और क्रूर हो सकता है – और यह भी कि भारत ऐसे किसी भी हमले के सामने झुकने वाला नहीं है।