Edited By Anu Malhotra,Updated: 23 Apr, 2025 09:21 AM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को दहला दिया है। बैसरन घाटी, जिसे लोग प्यार से ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहते हैं, मंगलवार को दोपहर ढाई बजे अचानक गोलियों की गूंज से थर्रा उठी। पहाड़ों की गोद में बसे इस खूबसूरत स्थल पर पहुंचे...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को दहला दिया है। बैसरन घाटी, जिसे लोग प्यार से ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहते हैं, मंगलवार को दोपहर ढाई बजे अचानक गोलियों की गूंज से थर्रा उठी। पहाड़ों की गोद में बसे इस खूबसूरत स्थल पर पहुंचे सैलानियों को शायद ही अंदाज़ा रहा होगा कि उनकी छुट्टियों की तस्वीरें, किसी काली खबर की सुर्खियों में बदल जाएंगी।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस हमले में छह आतंकवादी शामिल थे, आतंकवादी सेना की वर्दी में आए और पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, पहचान पत्र देखे और फिर हिंदू होने पर उन्हें गोली मार दी। घटनास्थल से कुछ दूर एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है, जिससे हमलावरों की योजना और तैयारी का संकेत मिलता है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, बताया जा रहा है कि हमले को अंजाम देने में सामिल 6 आतंकियों ने 1 से 7 अप्रैल तक इस इलाके की रेकी की।
हमले की प्रतिक्रिया और जांच
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में उच्चस्तरीय बैठक की और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सुरक्षा बलों ने हमलावरों की तलाश के लिए अभियान तेज कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस हमले की निंदा की है, जिसमें UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं।
हमले के बाद की स्थिति
हमले के बाद पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर शांति और एकता का संदेश दिया। यह हमला कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को और तेज करने की आवश्यकता को दर्शाता है।
कौन है इस नरसंहार का मास्टरमाइंड?
इंटेलिजेंस एजेंसियों ने हमले की साजिश रचने वालों की पहचान कर ली है। इस खौफनाक हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे दो अन्य आतंकियों का हाथ माना जा रहा है। सैफुल्लाह, मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने न केवल वेश बदलकर सैनिकों जैसा भेष अपनाया, बल्कि टूरिस्टों की पहचान पूछकर टारगेटेड फायरिंग की।