Edited By Rahul Rana,Updated: 23 Apr, 2025 03:32 PM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मरने वाले पर्यटकों में शामिल सुशील नथानियल (58) के स्थानीय रिश्तेदारों ने इस घटना को लेकर ग़म और गुस्सा जाहिर करते हुए बुधवार को सरकार से मांग की कि हमलावरों का खात्मा किया जाए। रिश्तेदारों का कहना है कि...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मरने वाले पर्यटकों में शामिल सुशील नथानियल (58) के स्थानीय रिश्तेदारों ने इस घटना को लेकर ग़म और गुस्सा जाहिर करते हुए बुधवार को सरकार से मांग की कि हमलावरों का खात्मा किया जाए। रिश्तेदारों का कहना है कि ईसाई समुदाय के नथानियल को गोली मारकर उनकी जान लेने से पहले आतंकियों ने उन्हें कलमा (वह धार्मिक वाक्य जो इस्लाम के प्रति आस्था का मूल मंत्र है) पढ़ने के लिए बोला था। अधिकारियों ने बताया कि नथानियल इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर अलीराजपुर में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रबंधक के रूप में पदस्थ थे। नथानियल के ममेरे भाई संजय कुमरावत ने ‘‘पीटीआई-भाषा'' को बताया, ‘‘सुशील नथानियल की पत्नी और बेटे से फोन पर हमारी बात हुई है।
उन्होंने हमें बताया कि आतंकियों ने नाम पूछकर सुशील को घुटनों के बल बैठने और फिर उनसे कलमा पढ़ने को कहा। जब सुशील ने कहा कि वह कलमा नहीं पढ़ सकते, तो आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।'' उन्होंने नथानियल के परिजनों से बातचीत के हवाले से कहा कि अपने पिता पर गोलियां बरसते देख उनकी घबराई बेटी आकांक्षा (35) दौड़कर उनके पास पहुंची, तो आतंकियों ने उसे पैर में गोली मार दी। कुमरावत ने बताया कि घायल आकांक्षा का जम्मू-कश्मीर में इलाज चल रहा है। कुमरावत ने कहा कि नथानियल की मौत के शोक में डूबा उनका कुनबा केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ है और उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है। अपने भाई की मौत पर भावुक होते हुए इस शख्स ने कहा, ‘‘कश्मीर में कायराना हमला करके 26 बेकसूर लोगों की जान लेने वाले आतंकियों के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाए कि दुनिया भर में इसकी मिसाल कायम हो।''
नथानियल की ममेरी बहन इंदु डावर ने बताया कि आतंकी हमले में मारे गए उनके भाई ईसाई समुदाय के थे और मौके पर मौजूद उनके परिजनों के मुताबिक आतंकवादियों ने उनसे उनकी धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें गोली मारी। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले और हत्यारे आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।'' डावर ने बताया कि आतंकी हमले के दौरान नथानियल के साथ उनकी पत्नी जेनिफर (54) और उनका बेटा ऑस्टिन उर्फ गोल्डी (25) भी था। उन्होंने बताया कि इस घटना के दौरान मां-बेटे सुरक्षित बच गए, लेकिन वे बुरी तरह सदमे में हैं। नथानियल की एक अन्य रिश्तेदार जेमा विकास ने बताया कि आतंकी हमले में मारे गए 58 वर्षीय एलआईसी अधिकारी ईस्टर के त्योहार के मौके पर अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘इससे दु:खद और कुछ नहीं है कि त्योहार के मौके पर घूमने-फिरने गए पर्यटकों की खुशियां, मातम में बदल जाएं।
हम चाहते हैं कि सरकार आतंकियों को फौरन ढूंढ कर उनका खात्मा करे।'' इस बीच, इंदौर के जिलाधिकारी आशीष सिंह नथानियल के शोकसंतप्त रिश्तेदारों के पास पहुंचे और राज्य सरकार की ओर से उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव नथानियल के शोकसंतप्त परिवार के बारे में पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। राज्य सरकार जम्मू-कश्मीर के प्रशासन के सतत संपर्क में है।" उन्होंने बताया कि नथानियल का शव श्रीनगर से हवाई मार्ग के जरिये इंदौर लाया जाएगा और आतंकी हमले में घायल उनकी बेटी का पूरा इलाज कराया जाएगा।