Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Apr, 2025 02:29 PM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को एक बार फिर चरम पर पहुंचा दिया है। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस नृशंस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए। इस घटना ने देश को...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को एक बार फिर चरम पर पहुंचा दिया है। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस नृशंस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए। इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया, वहीं अब पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया और सख्त कदमों का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। पहले जहां पाकिस्तान हमले को लेकर लगातार झूठे दावे और बचाव की मुद्रा में नजर आ रहा था, वहीं अब महज तीन दिन के भीतर ही उसकी भाषा बदल गई है।
अब पाकिस्तान ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि वह कश्मीर के पहलगाम हमले की किसी भी "निष्पक्ष और पारदर्शी" जांच में भारत का साथ देने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद बयान जारी कर ये प्रस्ताव रखा है।
पाकिस्तान ने जांच की बात तो कही, लेकिन...
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को काकुल स्थित मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड के दौरान कहा कि उनका देश किसी भी निष्पक्ष और पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है। हालांकि साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि भारत इस हमले के लिए पाकिस्तान पर "बिना सबूत के झूठे आरोप" लगा रहा है।
फिर छेड़ा 'कश्मीर का राग'
अपने बयान में शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर को पाकिस्तान की 'शरीरिक नस' बताते हुए कहा, "कायदे-आज़म जिन्ना ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की गर्दन की नस है।"
उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद से सबसे अधिक पीड़ित देश बताया और दावा किया कि 90,000 से अधिक जानें और 600 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उनके देश को हुआ है।
भारत का सख्त रुख
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:
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सिंधु जल समझौते का निलंबन
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अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को अस्थायी रूप से बंद करना
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पाकिस्तानी नागरिकों की वीज़ा सेवाएं निलंबित करना
इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी शिमला समझौते को रद्द करने और अपने हवाई क्षेत्र से भारतीय उड़ानों को प्रतिबंधित करने जैसे कदमों पर विचार शुरू कर दिया है।
TRF का नाम आया सामने
बताया जा रहा है कि इस हमले की जिम्मेदारी The Resistance Front (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने विशेष रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया और पहचान पूछने के बाद उन्हें गोली मारी गई।