Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Apr, 2025 12:01 PM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का एक और भयावह वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में गोलियों की लगातार आवाज़ें गूंजती हैं और लोग जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आते हैं। जो लोग उस वक्त पहलगाम की...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का एक और भयावह वीडियो सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में गोलियों की लगातार आवाज़ें गूंजती हैं और लोग जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आते हैं। जो लोग उस वक्त पहलगाम की वादियों में सुकून के पल बिता रहे थे, उनके लिए वह दिन एक बुरे सपने से भी बदतर साबित हुआ।
आतंकियों की बर्बरता कैमरे में कैद
वीडियो में साफ दिखता है कि कैसे आतंकियों ने निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर अंधाधुंध फायरिंग की। दावा है कि हमलावरों ने नाम पूछकर लोगों को गोली मारी, खासकर पुरुषों को। गोलियों की आवाज के साथ ही अफरा-तफरी मच गई, और लोग जान बचाने के लिए पहाड़ों और झाड़ियों की ओर दौड़ पड़े।
28 लोगों की गई जान, कई घायल
इस दिल दहला देने वाले हमले में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दर्जनों लोग घायल हैं। कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ रही हैं, जो इस हमले की क्रूरता और आतंक की सच्चाई को उजागर कर रही हैं।
बेटे की बहादुरी—पिता की मौत, लेकिन मां को बचाने की जिद
इस हमले में अपने पिता को खोने वाले 20 वर्षीय हर्षल लेले की कहानी ने सभी की आंखें नम कर दी हैं। घायल हर्षल ने बताया कि हमले के दौरान उन्होंने खुद को अपने पिता की जगह रखकर सोचा और सबसे पहले अपनी मां को बचाने की ठानी। उनकी मां आंशिक लकवे की शिकार हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं।
हर्षल ने कहा, "मेरे मन में पहला विचार यही आया कि मां को सुरक्षित निकालना है। यही मेरे पिता भी करते, अगर वो मेरी जगह होते।" गोली लगने के बावजूद हर्षल ने अपने चचेरे भाई ध्रुव जोशी के साथ मिलकर अपनी मां को उठाकर ऊबड़-खाबड़ रास्तों से ले जाया। इस दौरान उनकी मां कई बार फिसल गईं, लेकिन हर्षल रुके नहीं।