Edited By Rohini Oberoi,Updated: 23 Apr, 2025 09:41 AM
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भीषण हमले में करीब 26 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हमलावरों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए न सिर्फ उनका नाम और धर्म...
नेशनल डेस्क। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस भीषण हमले में करीब 26 लोगों के मारे जाने की आशंका है। हमलावरों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए न सिर्फ उनका नाम और धर्म पूछा बल्कि उनके जवाब के आधार पर उन्हें गोली मार दी गई।
इस हमले में उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की भी जान चली गई। शुभम अपनी पत्नी एशान्या के साथ कश्मीर घूमने आए थे और घटना के समय दोनों घुड़सवारी कर रहे थे। बताया गया कि आतंकियों ने पहले शुभम से उनका धर्म पूछा और कलमा पढ़ने के लिए कहा। जब शुभम ने मना किया तो उनके सिर पर गोली मार दी गई वह भी उनकी पत्नी के सामने।
शुभम की मौत की खबर से परिवार में मातम
शुभम की मौत की खबर जैसे ही उनके कानपुर स्थित घर पहुंची वहां कोहराम मच गया। उनका परिवार हाथीपुर चंदन चक्की इलाके में रहता है। शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने बताया कि उन्हें दोपहर तीन बजे हमले की सूचना मिली। उसी वक्त उन्हें एक वीडियो मिला जिसमें शुभम का शव ज़मीन पर पड़ा था और सिर से खून बह रहा था।
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एशान्या को छोड़कर कहा – “सरकार को बताओ”
सौरभ ने बताया कि शुभम की पत्नी एशान्या ने फोन पर बताया, “हम दोनों घुड़सवारी कर रहे थे तभी अचानक हमला हुआ। आतंकियों ने शुभम से कहा कि अगर तुम कलमा पढ़ लो, तो तुम्हें गोली नहीं मारेंगे लेकिन जब उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें गोली मार दी।” इसके बाद आतंकियों ने एशान्या से कहा – “हम तुम्हें छोड़ रहे हैं ताकि तुम सरकार को बताओ कि क्या हुआ।”
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परिवार ने शव जल्द दिलाने की मांग की
शुभम की हाल ही में दो महीने पहले शादी हुई थी। वह एक सीमेंट कारोबारी थे और अपने परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर की सैर पर निकले थे। सौरभ ने बताया कि बाकी सदस्य अनंतनाग में रुके थे जबकि शुभम और एशान्या पहलगाम घूमने गए थे।
हमले के बाद सुरक्षाकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और शुभम को अस्पताल पहुंचाया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अब परिवार शुभम के शव का इंतजार कर रहा है और सरकार से मांग कर रहा है कि जल्द से जल्द पार्थिव शरीर कानपुर पहुंचाया जाए ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके।