Edited By Pardeep,Updated: 22 Apr, 2025 10:29 PM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 26 लोग अपनी जान गवा चुके हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाए जाने से देशभर में गुस्से और...
नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक 26 लोग अपनी जान गवा चुके हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाए जाने से देशभर में गुस्से और आक्रोश की लहर दौड़ गई है। लोग सड़कों पर उतरकर इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और 'पाकिस्तान होश में आओ' जैसे नारों के साथ आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ कड़ी निंदा कर रहे हैं।
पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला भारत की संप्रभुता, कश्मीर की शांति और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर सीधा हमला है। हमले में मारे गए लोगों में अधिकांश पुरुष हैं, जिनमें से कुछ की पहचान विदेशी पर्यटकों के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, चार आतंकवादियों ने इस घटना को अंजाम दिया, जिनमें तीन पाकिस्तानी और एक स्थानीय कश्मीरी आतंकवादी है। घटना उस समय हुई जब पर्यटक बैसरन घाटी के ऊपरी हिस्से में घुड़सवारी कर रहे थे। आतंकवादी वहां पहुंचे और पंजाबी में पर्यटकों से उनका मजहब पूछा। पहचान होने के बाद, उन्होंने पर्यटकों को गोली मार दी और करीब 50 राउंड फायरिंग की।
इस आतंकी हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी शोक व्यक्त कर रहा है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय सऊदी अरब में हैं, ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को फोन कर स्थिति की जानकारी ली और पहलगाम के लिए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच गए हैं और वह इस हमले के बाद हालात की समीक्षा कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और आतंकवादियों की तलाश जारी है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस घटनाक्रम की लगातार निगरानी कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने घटना के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवाद के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई पर चर्चा की जा रही है।