Edited By Tanuja,Updated: 27 Apr, 2025 01:43 PM
भारत के साथ व्यापार निलंबन के फैसले के बाद पाकिस्तान में दवाओं की आपूर्ति को लेकर संकट गहरा गया है। पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ...
Islamabad:भारत के साथ व्यापार निलंबन के फैसले के बाद पाकिस्तान में दवाओं की आपूर्ति को लेकर संकट गहरा गया है। पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए "आपातकालीन तैयारी" के उपाय शुरू कर दिए हैं। भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि निलंबित करने की घोषणा के जवाब में, पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ सभी व्यापारिक संबंध निलंबित कर दिए थे। इसके बाद से दवा आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है।
पाकिस्तान का दवा उद्योग कच्चे माल (Active Pharmaceutical Ingredients - API) और उन्नत चिकित्सीय उत्पादों के लिए लगभग 30-40% तक भारत पर निर्भर है। इनमें कैंसर रोधी दवाएं, जैविक उत्पाद, टीके और विशेष रूप से रेबीज व सांप के जहर के टीके शामिल हैं। पाकिस्तान के औषधि विनियामक प्राधिकरण (DRAP) ने कहा है कि भले ही दवाओं पर प्रतिबंध की कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं आई है, लेकिन संभावित संकट से निपटने के लिए आकस्मिक योजनाएं तैयार कर ली गई हैं। DRAP अब चीन, रूस और यूरोपीय देशों से दवा कच्चे माल और तैयार उत्पादों के वैकल्पिक स्रोत तलाशने में जुटा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, विनियमन और समन्वय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यदि वैकल्पिक स्रोत जल्द नहीं मिले तो देश में गंभीर दवा संकट पैदा हो सकता है। खासकर कैंसर इलाज, रेबीज रोधी टीके और अन्य जीवनरक्षक दवाओं की भारी कमी होने की आशंका है। औषधि उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने चेताया है कि आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह का व्यवधान मरीजों के जीवन के लिए खतरा बन सकता है। पाकिस्तान सरकार के सामने अब बड़ी चुनौती दवा किल्लत से निपटना है।