Edited By Tanuja,Updated: 07 Jan, 2025 01:04 PM
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है। यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार की कमी से जूझ रहा है....
Islamabad: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है। यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार की कमी से जूझ रहा है, जिसके कारण स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वर्तमान में, लोग सरकार से बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य बुनियादी जरूरतों की बहाली की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ रहे हैं, और विरोध करने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। लोग ठंड के बावजूद अपनी आवाज उठाने के लिए सड़कों पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों कह रहे हैं कि पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने का वक्त आ गया है।
करगिल मार्च का ऐलान
इस आंदोलन में एक प्रमुख नाम शब्बीर मय्यर का है, जो गिलगित-बाल्टिस्तान के मानवाधिकार नेता हैं। मय्यर ने यह घोषणा की है कि वह करगिल तक मार्च करेंगे और इसके लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, "अगर मेरी जान को कुछ होता है, तो इसके लिए पाकिस्तान की सरकार जिम्मेदार होगी।" मय्यर ने यह भी बताया कि उन्हें पिछले कुछ हफ्तों से नजरबंद किया गया था और इलाज के लिए बाहर जाने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है। उनका यह भी कहना था कि अब वक्त आ गया है जब गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग सियासी अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाएं। मय्यर ने अपने साथ हजारों प्रदर्शनकारियों के शामिल होने का दावा किया है।
अमजद अयूब मिर्जा का आरोप
एक अन्य एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार जिहादी संगठनों को खुलेआम बढ़ावा दे रही है, जबकि आम नागरिकों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। मिर्जा ने कहा, "न यहां बोलने की स्वतंत्रता है और न ही कहीं घूमने की। विरोध करने वालों को नजरबंद कर यातनाएं दी जाती हैं।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए जिहाद और नफरत फैलाने वाली गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जो पाकिस्तान की बेचैनी का संकेत है।
CPEC पर असर और 700 ट्रक फंसे
गिलगित-बाल्टिस्तान में बढ़ते प्रदर्शनों के कारण पाकिस्तान का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक प्रोजेक्ट, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC), प्रभावित हुआ है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष इमरान अली के अनुसार, इन प्रदर्शनों के कारण सीपैक पर लगभग 700 ट्रक फंसे हुए हैं। ये ट्रक चीन से आयातित माल से लदे हैं, जो अब तक गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदर्शनकारी रास्तों को खोलने को तैयार नहीं हैं, और उनके विरोध के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर संकट
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खराब स्थिति में है, और इन प्रदर्शनों ने इसे और बिगाड़ दिया है। सीपैक की गतिविधियों के रुकने से व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं। पाकिस्तान सरकार के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि सीपैक पाकिस्तान के लिए चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करने का सबसे बड़ा कदम है। इसके अलावा, यह आंदोलन पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है, खासकर भारत से सटी सीमाओं पर माल परिवहन में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
भारत पर असर
गिलगित-बाल्टिस्तान में होने वाले प्रदर्शनों का असर केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है। इन प्रदर्शनों के कारण भारत से सटी सीमाओं पर भी माल परिवहन प्रभावित हुआ है। पाकिस्तान के भीतर कई ट्रक विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं, और इससे स्थानीय परिवहन व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। यह स्थिति दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों पर असर डाल सकती है।