Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Sep, 2024 11:48 PM
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से हुए करार के तहत रविवार को प्रशासनिक खर्चों को कम करने के लिए लगभग डेढ़ लाख सरकारी पदों को खत्म करने, छह मंत्रालयों को भंग करने और दो मंत्रालयों को आपस में मिलाने का ऐलान किया।
नेशनल डेस्क : नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से हुए करार के तहत रविवार को प्रशासनिक खर्चों को कम करने के लिए लगभग डेढ़ लाख सरकारी पदों को खत्म करने, छह मंत्रालयों को भंग करने और दो मंत्रालयों को आपस में मिलाने का ऐलान किया। पाकिस्तान ने सात अरब अमेरिकी डॉलर के कर्ज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ हुए करार के तहत सुधारों को अपनाने पर सहमति जताई है।
आईएमएफ ने 26 सितंबर को पाकिस्तान के लिए आर्थिक सहायता पैकेज को अंतत: मंजूरी दे दी थी। खर्चों में कटौती करने, सकल घरेलू उत्पाद में कर के अनुपात को बढ़ाने, कृषि और रियल स्टेट जैसे गैर-परंपरागत क्षेत्रों पर कर लगाने, कुछ राजकोषीय जिम्मेदारियों को प्रांतों को सौंपने और सब्सिडी सीमित करने के प्रति पाकिस्तान के प्रतिबद्धता जताने पर आईएमएफ ने पहले चारण के तहत एक अरब अमेरिकी डॉलर की राशि उसके लिए जारी कर दी।
अमेरिका से लौटने पर मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि आईएमएफ के साथ एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए आखिरी कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह साबित करने के लिए अपनी नीतियों को लागू करने की जरूरत है कि यह आखिरी कार्यक्रम होगा।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जी20 में शामिल होने के लिए अर्थव्यवस्था में सुधार करना होगा।