Edited By Mahima,Updated: 07 Mar, 2025 09:11 AM

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर दिए बयान से पाकिस्तान नाराज हो गया है। जयशंकर ने कहा था कि कश्मीर समस्या तब तक हल नहीं हो सकती, जब तक पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जाए गए कश्मीर के हिस्से को भारत को वापस नहीं...
नेशनल डेस्क: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर दिए गए बयान पर पाकिस्तान ने तगड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जयशंकर का यह बयान लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सामने आया। जयशंकर ने कहा था कि कश्मीर की समस्या तब तक हल नहीं हो सकती जब तक पाकिस्तान कश्मीर के जिस हिस्से पर अवैध कब्जा किए हुए है, उसे भारत को वापस नहीं कर देता। इस बयान से पाकिस्तान चिढ़ गया है और उसने इसे आधारहीन बताते हुए जवाब दिया है।
भारतीय सेना के बल पर कश्मीर की स्थिति बदलने की कोशिश
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने जयशंकर के बयान को पूरी तरह से खारिज किया। शफकत ने कहा कि भारत को कश्मीर के उस बड़े हिस्से को छोड़ देना चाहिए, जिस पर वह 77 साल से कब्जा किए हुए है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सेना के बल पर कश्मीर की स्थिति बदलने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसा करने से कश्मीर के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। शफकत अली खान ने आगे कहा, "हम लंदन में हुए कार्यक्रम में जयशंकर द्वारा कश्मीर को लेकर दिए गए बयान को पूरी तरह से नकारते हैं। पाकिस्तान का कश्मीर पर स्पष्ट रुख है और हम इसके विवादित होने को मानते हैं। भारत को यह समझना चाहिए कि कश्मीर पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे का समाधान सैन्य बल से नहीं हो सकता।"
भारत के कश्मीर में अवैध कब्जे का लगाया आरोप
लंदन में आयोजित चैथम हाउस के कार्यक्रम के दौरान, जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने भारत के कश्मीर में अवैध कब्जे का आरोप लगाया और पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का उपयोग करके कश्मीर समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे, तो विदेश मंत्री जयशंकर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भारत ने कश्मीर समस्या को पहले ही काफी हद तक सुलझा लिया है। जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। पहले, उन्होंने जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का जिक्र किया, जो कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता था। इसके बाद, राज्य में विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए गए। इसके अलावा, उच्च मतदान प्रतिशत के साथ चुनाव कराए गए, जिससे कश्मीर के लोगों का विश्वास बढ़ा और यह साबित हुआ कि कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया काम कर रही है। जयशंकर ने कहा, “अब कश्मीर के उन हिस्सों की वापसी का सवाल है, जो पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किए हैं। जब पाकिस्तान वह हिस्सा वापस करेगा, तब पूरी कश्मीर समस्या का समाधान हो जाएगा और कश्मीर में पूरी शांति स्थापित हो सकेगी।”
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी की बात
जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को लेकर भारत के रुख को स्पष्ट किया और कहा कि भारत कश्मीर के उस हिस्से की वापसी का इंतजार कर रहा है, जिसे पाकिस्तान ने 1947 के बाद अवैध रूप से कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा कि इस हिस्से की भारत में वापसी से जम्मू और कश्मीर में पूरी शांति स्थापित हो जाएगी। जयशंकर के अनुसार, कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि कश्मीर का सभी भाग भारत में एकजुट हो और पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए गए कश्मीर के हिस्से को वापस लाया जाए। उनका मानना है कि यह कदम कश्मीर में स्थिरता और शांति लाने के लिए जरूरी है।
पाकिस्तान की विदेश नीति पर जयशंकर की टिप्पणी
जयशंकर ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन बहुध्रुवीयता (multipolarity) की दिशा में बढ़ रहा है, जो भारत के हितों के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर भी चर्चा की। भारत की विदेश नीति में पाकिस्तान के मुद्दे पर अमेरिका की भूमिका की अहमियत को लेकर भी उन्होंने कुछ विचार साझा किए।
जम्मू और कश्मीर के मामले में पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं
भारत का यह कहना है कि जम्मू और कश्मीर के मामले में पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह अवैध रूप से कश्मीर के हिस्से पर कब्जा किए हुए है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान को यह कश्मीर का हिस्सा भारत को सौंप देना चाहिए, ताकि कश्मीर की समस्या पूरी तरह से सुलझ सके। भारत के मुताबिक, कश्मीर के लोगों की समस्याओं का समाधान केवल लोकतांत्रिक प्रक्रिया, विकास और सामाजिक न्याय से ही हो सकता है, न कि सैन्य बल से।