Edited By Tanuja,Updated: 25 Aug, 2024 06:58 PM
![pakistan needs a leader like narendra modi us businessman](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_11_04_315513645sajidtarar-ll.jpg)
पाकिस्तानी मूल के एक प्रमुख अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया...
Washington: पाकिस्तानी मूल के एक प्रमुख अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और पाकिस्तान को उनके जैसे नेता की जरूरत है। अमेरिका के बाल्टीमोर में रहने वाले तरार ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मोदी के राष्ट्रवाद के नारे ने भारत में रहने वाले भारतीयों और अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए अच्छा काम किया है, जहां वे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शीर्ष पदों पर हैं।'' पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन पार्टी के नेता एवं ‘अमेरिकन मुस्लिम्स फॉर डोनाल्ड ट्रंप' के संस्थापक तरार ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने तरक्की की है और अगर उनके जैसा कोई नेता सामने आता है तो इससे पाकिस्तान को मदद मिलेगी।
तरार ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का उत्थान वाशिंगटन में सत्ता के गलियारों में लॉबिंग की उसकी क्षमता से परिलक्षित होता है तथा भारतीय प्रौद्योगिकी उद्यमियों की संख्या में वृद्धि ने उसके प्रवासी समुदाय को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस उदाहरण से सीख लेनी चाहिए और शिक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के साथ उभरते राष्ट्र के सपने ने देश को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाया है। ऐसा तब होता है जब आप दीर्घकालिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा में निवेश करते हैं।'' तरार 1990 के दशक में अमेरिका चले गए थे और सत्तारूढ़ पाकिस्तानी प्रतिष्ठान से उनके अच्छे संबंध हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रंप की उम्मीदवारी पर तरार ने कहा कि सत्ता में उनकी वापसी अमेरिका को फिर से महानता के मार्ग पर ले जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में आने से पहले ट्रंप ने पैसा कमाया और अब उन्हें अमेरिका को फिर से महान बनाने की चिंता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के राजनीतिक नेताओं के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है।'' तरार ने यह भी कहा कि ट्रंप (78) का राष्ट्रपति पद पर लौटना चीन के लिए एक चुनौती होगी, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में बीजिंग की नीतियों को चुनौती देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप आप्रवासियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार जिस तरह से इस मुद्दे से निपट रही है उससे वह सहमत नहीं हैं।