'महिलाएं सार्वजनिक संपत्ति...' जाकिर नाइक के विवादास्पद बयान पर भड़का पाक एक्टर, दिया कड़ा जवाब

Edited By Mahima,Updated: 10 Oct, 2024 04:03 PM

pakistani actor got angry on zakir naik s controversial statement

पाकिस्तानी अभिनेता अली जफर ने इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के विवादास्पद बयान की आलोचना की, जिसमें अविवाहित महिलाओं को 'सार्वजनिक संपत्ति' कहा गया था। जफर ने कुरान का हवाला देते हुए बताया कि पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और पवित्रता व्यक्ति...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तानी अभिनेता और गायक अली जफर हाल ही में एक महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उनकी वजह बनी हैं इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के द्वारा अविवाहित महिलाओं के संबंध में की गई विवादास्पद टिप्पणी। जाकिर नाइक ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि अगर कोई अविवाहित महिला सम्मान पाना चाहती है, तो उसके पास केवल दो विकल्प हैं: या तो वह शादीशुदा पुरुष से विवाह कर ले, जिसकी पहले से पत्नी हो, या फिर वह 'बाजारी औरत' बन जाए। उनके इस बयान ने समाज के कई तबकों में नाराजगी और चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।

जाकिर नाइक का विवादास्पद बयान
जाकिर नाइक का यह बयान उनके एक प्रवचन में आया, जहां उन्होंने महिलाओं की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "अगर आप किसी अविवाहित महिला से पूछें कि उसे क्या करना चाहिए, तो उसके पास ये ही दो विकल्प होंगे।" इस प्रकार की बयानबाजी ने न केवल महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाई, बल्कि इस बात को भी उजागर किया कि कैसे कुछ लोग महिलाओं को केवल एक वस्तु के रूप में देखते हैं। उनके इस बयान ने महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के प्रति समाज की सोच पर एक बार फिर सवाल उठाया।

अली जफर का स्पष्ट और कड़ा जवाब
अली जफर ने इस विवादास्पद बयान का जवाब देते हुए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “डॉक्टर साहब, हमेशा एक तीसरा विकल्प होता है। महिलाएं एक सम्मानजनक और स्वतंत्र जीवन जी सकती हैं। वे कामकाजी हो सकती हैं, मां बन सकती हैं, या अपनी इच्छाओं के अनुसार जीवन जी सकती हैं। यह ठीक उसी तरह है जैसे दुनियाभर में लाखों महिलाएं कर रही हैं और उन्हें सम्मान मिल रहा है।”

समस्या उन पुरुषों के साथ है...
अली जफर ने अपने संदेश में कुरान का हवाला देते हुए कहा, “समस्या उन पुरुषों के साथ है, जो महिलाओं को 'बाजारी' के रूप में देखते हैं। कुरान हमें सिखाता है कि पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। पवित्रता व्यक्ति के कार्यों से शुरू होती है।” उन्होंने इस बात को स्पष्ट किया कि सम्मान का आधार पारस्परिक होना चाहिए, न कि केवल एकतरफा। 
 

सामाजिक सुधार की आवश्यकता
अली जफर ने अपने विचारों में आगे लिखा, “मुझे पर्सनली लगता है कि हमने पिछले कई शताब्दियों से महिलाओं को दबाया है और उन्हें बिना कारण दोषी ठहराया है। अब समय आ गया है कि हम पहले खुद को सुधारें और फिर महिलाओं को पनपने दें।” उनका यह संदेश समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि हमें महिलाओं को उनके सपने पूरे करने का अवसर देना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे हम खुद के लिए चाहते हैं।

सकारात्मक आलोचना की उम्मीद
अली जफर ने अपनी टिप्पणी को सकारात्मक आलोचना के रूप में पेश करते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप इस हेल्दी आलोचना को बुरा नहीं मानेंगे।” यह उनके सभ्य और सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें उन्होंने जाकिर नाइक के बयान की आलोचना करते हुए एक स्वस्थ संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस विवाद ने एक बार फिर से महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के मुद्दे को उजागर किया है। अली जफर जैसे अभिनेता की इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे समाज में बदलाव लाने में मदद करती हैं। हमें याद रखना चाहिए कि हर व्यक्ति को सम्मान और स्वतंत्रता का अधिकार है, और इसे सभी को समान रूप से प्रदान करना चाहिए। इस प्रकार के संवाद और प्रतिक्रियाएँ न केवल समाज में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि महिलाओं के अधिकारों को लगातार प्राथमिकता दी जाए। 

 

 

 

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