Edited By Mahima,Updated: 07 Sep, 2024 11:30 AM
पाकिस्तान में अपराधियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर एक नई चुनौती आ गई है। पाकिस्तान के मोस्ट वॉन्टेड डकैत शाहिद लुंड बलूच, जो 11 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल हैं, अब सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान में अपराधियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर एक नई चुनौती आ गई है। पाकिस्तान के मोस्ट वॉन्टेड डकैत शाहिद लुंड बलूच, जो 11 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल हैं, अब सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। शाहिद लुंड बलूच और उसके गिरोह के सदस्य यूट्यूब, फेसबुक और टिकटॉक पर वीडियो शेयर कर रहे हैं और अपने चैनल को सब्सक्राइब करने की अपील कर रहे हैं।
शाहिद लुंड बलूच का सामाजिक मीडिया पर प्रभुत्व
शाहिद लुंड बलूच, जो कि 'कचाय के दखो/डाकू' के नाम से प्रसिद्ध है, पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान के सीमावर्ती जिलों में डकैतियों की कई घटनाओं में शामिल रहा है। उसकी ओर से पुलिस वैन पर रॉकेट लॉन्चर से हमले की घटनाएं पुलिसकर्मियों के बीच उसे एक बड़े आतंक का नाम बना चुकी हैं। खुरासान डायरी की रिपोर्ट के अनुसार, शाहिद लुंड बलूच अपने आपराधिक गतिविधियों को राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों की मदद से अंजाम दे रहा है। इसके अलावा, उसने अपने साथी डकैत मुहम्मद यार लुंड बलूच के चैनल पर भी वीडियो अपलोड किए हैं, जो सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। इन वीडियो को 30 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
सोशल मीडिया पर डकैतों का बढ़ता प्रभाव
शाहिद लुंड बलूच और उसका गिरोह फेसबुक और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय हैं। पंजाब सरकार ने इन डकैतों की पहचान के लिए 'शीर्ष 40' खूंखार अपराधियों की एक सूची तैयार की है और इन पर 25 लाख से 50 लाख रुपये तक का इनाम घोषित किया है।
डकैतों के खिलाफ ठोस कदम उठाने में असमर्थता
पंजाब सरकार ने इन डकैतों के खिलाफ कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन कई पूर्व पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद जमीन पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। पूर्व पुलिस अधिकारी का कहना है कि डकैतों के खिलाफ ठोस कदम उठाने में असमर्थता के कारण ये अपराधी अपनी गतिविधियों को बेतहाशा बढ़ा रहे हैं। शाहिद लुंड बलूच और उसके गिरोह को हाल में हुए पुलिस हमलों के बाद काफी चर्चा में लाया गया है। पंजाब के कई विशेषज्ञ मानते हैं कि ये डकैत छोटे, आदिवासी और राजनीतिक रूप से जुड़े समूहों के रूप में काम कर रहे हैं जिनके पास केंद्रीकृत नेतृत्व या एकीकृत संगठन का अभाव है।
सोशल मीडिया पर डकैतों का सक्रिय होना
यह स्थिति पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही है। सोशल मीडिया पर डकैतों का सक्रिय होना और सरकार की कार्रवाई में असमर्थता अपराधियों को और भी अधिक हौसला दे रही है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाती है।