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68 पाकिस्तानी श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे, कहा- 'सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव महसूस हो रहा है'

Edited By Radhika,Updated: 07 Feb, 2025 12:22 PM

pakistani devotees at mahakumbh  proud to be born in sanatan dharma

महाकुंभ में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज पहुंचा। इन श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की अस्थियों को संगम में विसर्जित किया। पाकिस्तान से आये श्रद्धालु विशेष वीजा लेकर प्रयागराज आए थे।

नेशनल डेस्क: महाकुंभ में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज पहुंचा। इन श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की अस्थियों को संगम में विसर्जित किया। पाकिस्तान से आये श्रद्धालु विशेष वीजा लेकर प्रयागराज आए थे। उनके साथ आये महंत रामनाथ ने बताया कि पहले वे सभी हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने अपने करीब 480 पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन और पूजन किया। इसके बाद वे प्रयागराज आकर महाकुंभ में संगम स्नान करने पहुंचे और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

श्रद्धालुओं ने किया पवित्र संगम में स्नान- 

सूचना विभाग के अनुसार, पाकिस्तान से आए सभी श्रद्धालुओं ने गुरुवार को पवित्र संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इससे पहले दिन में, सेक्टर नौ स्थित श्रीगुरुकार्ष्णि के शिविर में सिंध प्रांत से आए गोबिंद राम माखीजा ने बताया, "जब से हमने महाकुंभ के बारे में सुना है, तब से हम यहां आने की इच्छा रखते थे। हम खुद को यहां आने से रोक नहीं पाए।"

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11वीं की छात्रा भी कुंभ  में पहुंची-

श्रद्धालुओं ने बताया कि "पिछले साल अप्रैल में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए थे और गंगा में डुबकी लगाई थी। इस बार सिंध के छह जिलों - गोटकी, सक्कर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबाल से 68 लोग आए हैं, जिनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं।" माखीजा ने कहा, "यहां आकर बहुत खुशी हो रही है। यहां के अनुभव के बारे में कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। यहां आने पर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने का गौरव महसूस हो रहा है।"सिंध प्रांत के गोटकी से आई 11वीं की छात्रा सुरभि ने बताया कि वह पहली बार भारत और कुंभ में आई हैं। उन्होंने कहा, "यहां हमें अपने धर्म को गहराई से जानने और समझने का मौका मिल रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है।"

संस्कृति देखकर दिव्य अनुभव हो रहा-

सिंध से आई प्रियंका ने कहा, "मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं। यहां अपनी संस्कृति को देखकर बहुत दिव्य अनुभव हो रहा है। मैं गृहिणी हूं और भारत आना मेरा सबसे बड़ा सौभाग्य है। हम वहां पैदा हुए और मुस्लिमों के बीच ही रहे। सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ कोई खास भेदभाव नहीं है, जैसा कि मीडिया दिखाती है। लेकिन अपनी संस्कृति को यहां देखकर हमें जो अनुभव मिल रहा है, वह अनमोल है।"

भारत में सीएए कानून के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए सक्कर जिले से आए निरंजन चावला ने कहा, "सिंध में ऐसा माहौल नहीं है कि लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करें। लेकिन राजस्थान (पाकिस्तान के हिस्से वाला) जैसे कुछ इलाकों में हिंदुओं के लिए थोड़ी मुश्किलें हैं।"

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वीजा की प्रक्रिया आसान करने की रखी डिमांड-

निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले चावला ने कहा, "मैं भारत सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया को थोड़ा आसान किया जाए। अब वीजा मंजूर होने में छह महीने लग जाते हैं। हालांकि, हमारे जत्थे को यहां आने के लिए वीजा जल्दी मिल गया, इसके लिए हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं।"

उन्होंने बताया, "कल रात हम महाकुंभ के इस शिविर में आए थे और आठ फरवरी को हम रायपुर जाएंगे, उसके बाद हरिद्वार जाएंगे। हमारे जत्थे में कुछ लोग छह अस्थि कलश लेकर आए हैं, जिन्हें वे हरिद्वार में विसर्जित करेंगे।" चावला ने कहा, "आज शाम हम अखाड़ों के साधु संतों का दर्शन करेंगे और पूरे मेले का भ्रमण करेंगे।"

 

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