पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने किया सनसनीखेज दावा, कहा- श्रीलंका तो भारत का ही राज्‍य है पर एक दिन चीन...

Edited By Mahima,Updated: 17 Dec, 2024 02:12 PM

pakistani expert made a sensational claim

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने भारत को आश्वासन दिया कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देंगे, लेकिन पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि श्रीलंका जल्द ही चीन के प्रभाव में आ सकता है। उन्होंने बताया कि भारत ने...

नेशनल डेस्क: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया आश्वासन इस समय अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक गर्म विषय बन गया है। श्रीलंका ने भारत को यह आश्वासन दिया कि वह कभी भी अपनी भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देगा, जिससे भारत और श्रीलंका के बीच सामरिक और कूटनीतिक रिश्तों में और मजबूती आने की संभावना है। हालांकि, इस आश्वासन के बीच पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने एक सनसनीखेज दावा किया है, जिसमें उन्होंने श्रीलंका को भारत का राज्य मानते हुए कहा कि हालांकि श्रीलंका के पास भारत के सामने कोई अन्य विकल्प नहीं है, लेकिन आने वाले समय में चीन का प्रभाव वहां बढ़ेगा।

भारत और श्रीलंका के रिश्ते
भारत और श्रीलंका के रिश्ते ऐतिहासिक और कूटनीतिक रूप से मजबूत रहे हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, संस्कृति और रणनीतिक साझेदारी की लंबी परंपरा है। हाल के वर्षों में भारत ने श्रीलंका को आर्थिक सहायता प्रदान की है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करती है। भारत ने श्रीलंका को 5 अरब डॉलर की मदद दी है, जिसका उपयोग कृषि, डेयरी, मछली पालन, और अन्य विकासात्मक परियोजनाओं में किया जा रहा है। यह सहायता श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाती है, क्योंकि श्रीलंका को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। भारत ने इस सहायता के माध्यम से श्रीलंका में बुनियादी ढांचे, हाउसिंग, ऊर्जा, कृषि और मछली पालन जैसे क्षेत्रों में सुधार की दिशा में काम किया है। कमर चीमा का कहना है कि भारत ने यह सब इसलिए किया क्योंकि श्रीलंका उसके लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। उनके मुताबिक, यह 5 अरब डॉलर की सहायता एक प्रकार से भारत का श्रीलंका पर आर्थिक और राजनीतिक नियंत्रण स्थापित करने का तरीका है। 

पाकिस्तानी एक्सपर्ट का सनसनीखेज दावा
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने श्रीलंका और भारत के रिश्तों के बारे में अपने बयान में एक नई संभावना उठाई है। उन्होंने कहा कि भारत ने श्रीलंका को जो 5 अरब डॉलर की आर्थिक मदद दी है, वह दरअसल इस देश के राजनीतिक और आर्थिक नियंत्रण को भारत के पक्ष में सुनिश्चित करने का प्रयास है। चीमा ने यह भी दावा किया कि भारत के लिए श्रीलंका एक "राज्य" जैसा है, जैसे भारत के अन्य राज्य तमिलनाडु या कर्नाटक हैं। कमर चीमा ने कहा कि भारत और श्रीलंका के रिश्तों में गहरी आर्थिक साझेदारी है, लेकिन श्रीलंका को अपने भूराजनैतिक और आर्थिक हितों को देखते हुए चीन से भी संबंधों को मजबूती देना होगा। उनका मानना है कि आने वाले समय में श्रीलंका चीन के प्रभाव में आ सकता है, क्योंकि चीन भारतीय महासागर में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। चीन ने श्रीलंका में पहले ही कई बड़े निवेश किए हैं और वहां अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। चीमा के अनुसार, श्रीलंका की स्थिरता और चीन के लिए रणनीतिक महत्व को देखते हुए, यह संभावना है कि श्रीलंका चीन की ओर रुख करेगा, भले ही वह अभी भारत के साथ अपने रिश्ते बनाए रखने की बात कर रहा हो।

चीन का बढ़ता प्रभाव
कमर चीमा ने कहा कि चीन ने भारतीय महासागर में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए श्रीलंका को महत्वपूर्ण स्थान के रूप में देखा है। 2022 में चीन ने श्रीलंका में एक ओशनोग्राफिक रिसर्च शिप भेजी थी, जिसका उद्देश्य भारतीय महासागर के बारे में खुफिया जानकारी एकत्रित करना था। यह घटना भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय थी, क्योंकि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को डर था कि चीन के इस कदम से भारतीय सुरक्षा की स्थिति कमजोर हो सकती है। चीन ने श्रीलंका के विभिन्न विकासात्मक और बुनियादी ढांचे में निवेश किया है, जैसे कि बंदरगाह निर्माण, सड़क और रेलवे परियोजनाएं, जिनसे श्रीलंका को लाभ हुआ है। श्रीलंका को चीन के इन निवेशों से एक मजबूत आर्थिक धारा मिली है, जो भारत के लिए एक चुनौती बन सकती है। चीमा ने कहा कि चीन का लक्ष्य केवल आर्थिक निवेश नहीं है, बल्कि वह भारतीय महासागर में अपनी सैन्य और राजनीतिक उपस्थिति को भी मजबूत करना चाहता है।

श्रीलंका का भविष्य: भारत या चीन?
कमर चीमा ने यह भी कहा कि श्रीलंका की सरकार और उसकी सैन्य और ब्यूरोक्रेसी ने यह समझ लिया है कि उन्हें भारत के साथ संबंध बनाए रखने हैं, लेकिन अंत में उन्हें चीन के साथ अपने रिश्ते बढ़ाने होंगे। उन्होंने मालदीव का उदाहरण दिया, जहां पहले भारत का प्रभाव था, लेकिन अब चीन ने वहां अपनी पैठ बना ली है। श्रीलंका के लिए भी यही भविष्य हो सकता है, क्योंकि चीनी निवेश और समर्थन देश की आर्थिक स्थिति के लिए लाभकारी हो सकते हैं। चीमा ने कहा कि चीन की ओर रुख करने का एक कारण यह भी हो सकता है कि भारत ने श्रीलंका को आर्थिक सहायता दी है, लेकिन वह इस मदद को बदले में कुछ नहीं मांग रहा है। भारत के लिए यह सब राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जबकि चीन यह चाहता है कि श्रीलंका से एक मजबूत गठबंधन बने, जो भारतीय महासागर में उसकी उपस्थिति को और मजबूत करेगा।

भारत और चीन के बीच बढ़ती Competition
भारत और चीन दोनों ही श्रीलंका को अपनी ओर खींचने के लिए सक्रिय हैं। जहां भारत निवेश, विकास कार्यों और कनेक्टिविटी के माध्यम से श्रीलंका के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहता है, वहीं चीन अपने आर्थिक और सैन्य प्रभाव को बढ़ा रहा है। कमर चीमा ने इस बारे में कहा कि चीन ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में अपनी उपस्थिति बढ़ा ली है, और अब श्रीलंका को अपने रुख को फिर से निर्धारित करना होगा।

भारत और श्रीलंका के रिश्ते सशक्त और ऐतिहासिक हैं, लेकिन आने वाले समय में श्रीलंका को अपने भूराजनैतिक और आर्थिक हितों को देखते हुए चीन के साथ रिश्तों को मजबूती देने की आवश्यकता हो सकती है। भारत ने श्रीलंका को बड़ी आर्थिक मदद दी है, लेकिन चीन का क्षेत्रीय विस्तार और रणनीतिक महत्व श्रीलंका के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। यह देखना होगा कि श्रीलंका की विदेश नीति में आने वाले समय में कौन सा रुख अपनाया जाएगा और क्या वह चीन के प्रभाव को स्वीकार करेगा या फिर भारत के साथ अपने रिश्ते बनाए रखेगा।

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