Edited By Tanuja,Updated: 02 Feb, 2025 05:18 PM
भारत के 2025 का बजट पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन गया है। भारत ने 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए 50 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो न केवल घरेलू विकास के लिए, बल्कि अपने...
International Desk: भारत के 2025 का बजट पाकिस्तान में चर्चा का विषय बन गया है। भारत ने 2025-26 के वित्तीय वर्ष के लिए 50 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो न केवल घरेलू विकास के लिए, बल्कि अपने पड़ोसी देशों के लिए भी आवंटित किया गया है। इस बजट में भारत ने अफगानिस्तान, मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश को सहायता देने का फैसला किया है। पाकिस्तान, हालांकि, इस सूची से बाहर है, और इस पर पाकिस्तान के लोगों ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी यूट्यूबर सना अमज़द ने पाकिस्तानियों से भारत के बजट पर प्रतिक्रिया ली, और जो टिप्पणियाँ सामने आईं, उन्होंने पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति और भारत के विकास के बीच का अंतर स्पष्ट किया।
भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था
एक पाकिस्तानी नागरिक ने भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तुलना करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति पाकिस्तान से कहीं अधिक मजबूत है। पाकिस्तान के हालिया बजट का आधा हिस्सा कर्ज से लिया गया था, जबकि भारत मिडिल क्लास के लिए बड़े पैमाने पर बजट आवंटित करता है। इस नागरिक ने भारत के 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट देने की पहल को भी सराहा, इसे पाकिस्तान के मुकाबले एक सकारात्मक कदम बताया।
भारत की प्रोग्रेसिव नीति और पाकिस्तान की सियासी उलझनें
दूसरे एक नागरिक ने कहा कि भारत अब एक अग्रेसिव और प्रोग्रेसिव मोड में है, जबकि पाकिस्तान अपनी सियासी समस्याओं में उलझा हुआ है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं से उबरने की जरूरत है, जबकि भारत ने अपने विकास में तेज़ी से प्रगति की है। इस नागरिक का कहना था कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश आज़ादी के समय लगभग समान स्थिति में थे, लेकिन अब भारत ने दुनिया के मंच पर अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली है, जबकि पाकिस्तान अपनी समस्याओं से जूझ रहा है।
पाकिस्तान की जीडीपी और आर्थिक स्थिति
एक अन्य नागरिक ने टिप्पणी की कि पाकिस्तान की जीडीपी भारत से बहुत कम है, और इसी कारण पाकिस्तान का बजट भी उतना बड़ा नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के पास अपने घरेलू मसलों का समाधान नहीं है, और उसे बार-बार दूसरों से सहायता मांगने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उनका कहना था कि पाकिस्तान को अपनी आंतरिक स्थिति को सुधारने की बजाय भारत के साथ अपनी बराबरी की बात करना बंद करना चाहिए, क्योंकि भारत ने न केवल खुद को सुदृढ़ किया है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी स्थिति मज़बूत की है।
भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति
भारत ने अपने पड़ोसियों के लिए आर्थिक सहायता के रूप में काफी बड़ी राशि आवंटित की है। भारत ने बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपये, मालदीव को 600 करोड़ रुपये, मॉरीशस को 500 करोड़ रुपये, भूटान को 2150 करोड़ रुपये, और नेपाल को 700 करोड़ रुपये की सहायता देने का फैसला किया है। इसके अलावा, भारत ने अफ्रीकी देशों के लिए भी 225 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है। भारत ने अपने 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति के तहत, पाकिस्तान को छोड़कर अपने अन्य पड़ोसी देशों के लिए इस वित्तीय सहायता की घोषणा की है। पाकिस्तान को इस नीति से बाहर रखा गया है, और इसे लेकर पाकिस्तानी मीडिया और जनता में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं।
पाकिस्तान के सामने आर्थिक संकट
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भारत के बजट का यह बड़ा संकेत है कि पाकिस्तान को खुद अपने आंतरिक आर्थिक और सियासी मुद्दों पर ध्यान देना होगा। पाकिस्तान सरकार के पास वर्तमान में अपने कर्मचारियों के लिए भी वेतन देने के लिए पर्याप्त फंड नहीं है। इसके अलावा, पाकिस्तान को लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता मांगनी पड़ती है, जबकि भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है और अपने पड़ोसी देशों के विकास में सक्रिय भूमिका निभाई है।
पाकिस्तान की स्थिति और भारत की तुलना
पाकिस्तानी नागरिकों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को भारत से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। भारत ने अपने नागरिकों की भलाई के लिए कई सकारात्मक योजनाएँ बनाई हैं, जैसे कि इनकम टैक्स में छूट देना और मिडल क्लास के लिए विशेष फंड आवंटित करना, जबकि पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं से उबरने में असमर्थ है। इस तरह, भारत का बजट पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकेत है कि वह अपनी आर्थिक और सियासी नीतियों को सुधारने के लिए एक ठोस कदम उठाए, बजाय इसके कि वह अन्य देशों से लगातार सहायता की उम्मीद लगाए रहे।