Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 22 Feb, 2025 12:48 PM
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बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में एक न्यूज चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत में राजनीति से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा...
नेशनल डेस्क: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में एक न्यूज चैनल से एक्सक्लूसिव बातचीत में राजनीति से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं को कार्यक्रमों में आमंत्रित करना गलत नहीं है। उनका मानना है कि राजनीति भी देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बुंदेलखंड क्षेत्र के बारे में बात करते हुए कहा कि यह इलाका बहुत पिछड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि यहां की जनता के दुख उनके निजी दुख हैं और इस क्षेत्र के विकास के लिए उन्होंने अस्पताल और मंदिर बनाने का निर्णय लिया है। उनका कहना था कि वसुदैव कुटुम्बकम की नीति का पालन करते हुए वह समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा देंगे और हर व्यक्ति को राहत देने का प्रयास करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी से मिली प्रतिक्रिया और उनके समर्पण की सराहना
धीरेंद्र शास्त्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री को अस्पताल और मंदिर बनाने के लिए आमंत्रित किया, तो पीएम मोदी ने तुरंत सकारात्मक जवाब दिया। उन्हें पीएम मोदी का विनम्र स्वभाव और सनातन धर्म के प्रति समर्पण बहुत अच्छा लगा। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहजता से उनके निमंत्रण को स्वीकार कर उन्हें चकित कर दिया और यह उनके अच्छे स्वभाव का प्रतीक है।
कुंभ की आस्था और व्यवस्था पर विचार
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर पंडित शास्त्री ने कहा कि वह व्यवस्था से ज्यादा आस्था पर विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि हर व्यक्ति की अपनी आस्था होती है और इसे लेकर किसी का दृष्टिकोण अलग हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को कुंभ में मंदिर का दृश्य दिखाई देता है, तो कुछ को मस्जिद का गुंबद दिखाई देता है, जो कि आस्था की विविधता को दर्शाता है।
ममता बनर्जी और कट्टरपंथियों के खिलाफ स्पष्ट रुख
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयानों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना था कि ममता बनर्जी के बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह कट्टर हिंदू विरोधी हैं। पंडित शास्त्री ने यह भी कहा कि उन्हें मुसलमानों से कोई आपत्ति नहीं है, बल्कि उन्हें उन लोगों से दिक्कत है जो गजवा ए हिन्द की बात करते हैं और जो समाज में विभाजन फैलाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ हैं जो कानून को हाथ में लेकर राम के अस्तित्व का प्रमाण मांगते हैं।
क्या राजनीति में कदम रखने का है विचार?
धीरेंद्र शास्त्री ने राजनीति में कदम रखने के बारे में कहा, "मेरा नेतागिरी करने का कोई प्लान नहीं है।" उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें कार्यक्रमों में नेताओं को आमंत्रित करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वे भी देश के विकास के लिए एक प्रभावी साधन हो सकते हैं। उनका मानना है कि धर्म और राजनीति दोनों ही दुनिया को चलाने के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, लेकिन वह खुद राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते।