Edited By Mahima,Updated: 17 Oct, 2024 03:24 PM
बिहार में जहरीली शराब पीने से सिवान और छपरा में 24 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और 3 को गिरफ्तार किया है। RJD ने नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोला, सवाल उठाते हुए कि...
नेशनल डेस्क: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का कहर देखने को मिला है। सिवान जिले में पिछले कुछ दिनों में जहरीली शराब पीने से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छपरा में भी 4 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस तरह, कुल मिलाकर 24 लोगों की मृत्यु इस घटना में हुई है। सिवान के एसपी अमितेश कुमार ने इस दुखद घटना की पुष्टि की है।
अस्पताल में भर्ती मरीज
इस मामले में जानकारी सामने आई है कि दो दर्जन से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी तबीयत खराब है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है, जिनको बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। स्थानीय अस्पतालों में इन मरीजों की लगातार निगरानी की जा रही है।
पुलिस कार्रवाई
जहरीली शराब के इस मामले में पुलिस ने अब तक 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जबकि 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। छपरा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि मामले की गहन जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा इस मामले में और गिरफ्तारियाँ की जा सकती हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई
प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कदम उठाए हैं। स्थानीय चौकीदार और पंचायत बीट पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, मशरक थाना के प्रभारी और मशरक क्षेत्र के एएलटीएफ प्रभारी से भी जवाब मांगा गया है। इस तरह की कार्रवाई से यह संकेत मिलता है कि प्रशासन इस मामले को लेकर गंभीर है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना पर राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और यह स्पष्ट करती है कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद जहरीली शराब का व्यापार जारी है। तिवारी ने कहा, "जब प्रदेश में शराबबंदी है, तो यह कैसे संभव है कि लोग खुलेआम जहरीली शराब खरीद रहे हैं?"
त्योहारों के दौरान मौतें
विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया है कि हर साल त्योहारों के समय, जैसे होली और दिवाली, जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला बढ़ जाता है। यह स्थिति राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है। RJD ने मांग की है कि सरकार इस मामले की गंभीरता को समझे और ठोस कदम उठाए। बिहार में हुई इस त्रासदी ने एक बार फिर शराबबंदी की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। जब लोग त्योहारों की खुशियों में लिपटे होते हैं, तब ऐसी घटनाएँ उनके जीवन को काले बादल की तरह ढक देती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि प्रशासन और सरकार दोनों मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें।