Paris Olympics 2024: शानदार जीत के साथ 'The Wall' PR Sreejesh ने ली विदाई, पूरे ओलंपिक में दीवार बनकर खड़े रहे

Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2024 10:09 PM

paris olympics 2024 pr sreejesh bid farewell with a spectacular victory

भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर यह मुकाबला जीतकर भारत को जश्न मनाने का मौका दिया है

नई दिल्लीः भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। भारत ने स्पेन को 2-1 से हराकर यह मुकाबला जीतकर भारत को जश्न मनाने का मौका दिया है। 52 साल बाद ऐसा हुआ है जब भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार ओलंपिक में मेडल जीता है। इसके साथ ही ओलंपिक 2024 (Olympics 2024) में भारत के चार पदक हो गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर टीम इंडिया को बधाई दी है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी जीत पर बधाई दी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई देकर हौसला बढ़ाया है।
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आपको बता दें कि भारतीय टीम के इस यादगार प्रदर्शन में गोलकीपर पीआर श्रीजेश का अहम रोल रहा। अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश पूरे टूर्नामेंट में चट्टान की तरह भारतीय गोल की रक्षा करते रहे, पदक का रंग बदलने का सपना टूटने के बावजूद उन्होंने कहा था कि अब उनके पास आखिरी मौका है और पदक अभी भी जीता जा सकता है और उन्होंने अपना वादा पूरा किया।

खाली हाथ नहीं लौटना है
पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक से पहले ही ऐलान कर दिया था कि ये उनका आखिरी टूर्नामेंट होने जा रहा है। भारत के लिए 336 मैच खेलने वाले श्रीजेश के लिए यह चौथा ओलंपिक रहा। राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप में खेल चुके 36 साल के श्रीजेश ने 2021 में आयोजित हुए टोक्यो ओलंपिक में भी शानदार गोलकीपिंग से भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। अब पेरिस में भी गोलपोस्ट के सामने उनका जादू चला।

श्रीजेश ने भारतीय टीम के लिए 2010 में डेब्यू किया था। वह 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। वह 2018 में एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी की संयुक्त विजेता टीम, भुवनेश्वर में 2019 एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल की स्वर्ण पदक विजेता टीम और बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता टीम के सदस्य रह चुके हैं।
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जीत के बाद श्रीजेश को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह के साथ टीवी के सामने नजरें गड़ाये बैठे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गई । ओलंपिक पदक के साथ विदा लेने वाले श्रीजेश जीत के बाद गोलपोस्ट के ऊपर जाकर बैठे तो अपने जज्बात पर काबू नहीं रख सके। जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल में मिली हार का गम भुलाकर डेढ दिन बाद भारतीय टीम फिर युवेस डु मनोइर स्टेडियम पर उतरी तो हर खिलाड़ी का एक ही लक्ष्य था कि खाली हाथ नहीं लौटना है। 

पुरूष हॉकी टीम का यह 13वां ओलंपिक पदक
भारतीय टीम के लिये हरमनप्रीत सिंह ने (30वें, 33वें मिनट) जबकि स्पेन के लिये मार्क मिरालेस (18वां मिनट) ने गोल दागे। आठ बार की चैम्पियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम का यह 13वां ओलंपिक पदक है और पचास साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते हैं । इससे पहले 1968 में मैक्सिको और 1972 में म्युनिख ओलंपिक में भारत ने कांस्य जीता था। सेमीफाइनल में नीदरलैंड से चार गोल से एकतरफा पराजय का सामना करने वाली स्पेनिश टीम ने आक्रामक शुरूआत की और पहले क्वार्टर में भारत को एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं बनाने दिया। 
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भारत के पास छठे मिनट में खाता खोलने का मौका था जब हार्दिक सिंह ने सर्कल पर से डी के भीतर सुखजीत सिंह को पास दिया लेकिन वह सही निशाना नहीं साध सके। स्पेन के लिये 10वें मिनट में मोस मारिया बास्टेरा के शॉट का हरमनप्रीत ने बचाव किया। पहले क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी। दूसरे क्वार्टर में स्पेन को 18वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिस पर मिरालेस ने आसानी से गोल कर दिया। स्पेन को दो मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर भी मिला लेकिन रोहिदास ने जबर्दस्त बचाव किया। रोहिदास ने खास तौर पर डिफेंस में बेहतरीन प्रदर्शन किया जिनकी कमी जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके प्रतिबंधित होने के कारण खली थी।

हरमनप्रीत ने भारत को बराबरी दिलाई
स्पेन की टीम 25वें मिनट में एक और गोल करने के करीब पहुंची जब गेरार्ड क्लापेस ने सुमित से गेंद छीनी और श्रीजेश के ठीक सामने उन्हें चकमा देकर गोल के भीतर डालने की कोशिश की और भारतीय टीम भाग्यशाली रही कि उनका निशाना ठीक नहीं लगा। स्पेन को दो मिनट बाद मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बचा लिया गया। भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर 28वें मिनट में मिला लेकिन रोहिदास गोल नहीं कर सके। हाफटाइम से कुछ सेकंड पहले मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके हरमनप्रीत ने भारत को बराबरी दिलाई।
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ब्रेक के बाद भारतीय टीम आक्रामक तेवरों के साथ उतरी और तीसरे ही मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को तब्दील करके हरमनप्रीत ने 2-1 से बढत दिला दी। हरमनप्रीत का यह टूर्नामेंट में 11वां गोल था। दो मिनट बाद जवाबी हमले में स्पेन को मिले पीसी पर मिरालेस गोल नहीं कर सके। वहीं भारत को 37वें और स्पेन को 40वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार गया। आखिरी पंद्रह मिनट में सुखजीत ने फिर एक मौका गंवाया जबकि स्पेन को 59वें मिनट में दो और फिर आखिरी मिनट में मिले दो और पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए।

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