Edited By Parminder Kaur,Updated: 28 Mar, 2025 11:23 AM
संसदीय पैनल ने शैक्षिक वस्तुओं (एजुकेशनल गुड्स) और सेवाओं पर 18% तक जीएसटी लगाए जाने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पैनल का कहना है कि इससे छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना वित्तीय रूप से और भी कठिन हो गया है। समिति ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार...
नेशनल डेस्क. संसदीय पैनल ने शैक्षिक वस्तुओं (एजुकेशनल गुड्स) और सेवाओं पर 18% तक जीएसटी लगाए जाने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पैनल का कहना है कि इससे छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना वित्तीय रूप से और भी कठिन हो गया है। समिति ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि वह शिक्षा पर कर लगाने के बजाय इसे सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाए। पैनल ने सिफारिश की है कि स्कूली शिक्षा को जीएसटी से बाहर रखा जाए और इसके लिए शिक्षा विभाग को तीन महीनों के भीतर वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद से ट्यूशन फीस और पाठ्यपुस्तकों को जीएसटी मुक्त करने का मुद्दा उठाना चाहिए।
शैक्षिक वस्तुओं पर डेटा की कमी, सरकार की पहल में कमी
समिति ने यह भी व्यक्त किया कि यह जानकर निराशा हुई है कि उच्च शिक्षा विभाग ने शैक्षिक वस्तुओं और सेवाओं पर कर लगाने के संबंध में कोई डेटा एकत्र नहीं किया है। इसका परिणाम यह हुआ कि सरकार इन वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर घटाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर पा रही है। इसके अलावा उच्च शिक्षा संस्थानों को उनके द्वारा खरीदी जा रही वस्तुओं और सेवाओं पर भी 18% की जीएसटी दर का सामना करना पड़ता है, जिसमें भवनों के निर्माण पर जीएसटी और लैब रिसर्च के लिए आवश्यक उपकरणों पर भी जीएसटी शामिल है। लैब केमिकल्स पर आयात शुल्क में 10 से 150% तक की वृद्धि के कारण साइंटिफिक रिसर्च और लैबोरेटरी उपकरणों की लागत बढ़ गई है।
दो बोर्ड परीक्षाओं के लिए शुल्क बढ़ोतरी पर समिति की सिफारिश
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि यदि दो वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं होती हैं, तो परीक्षा शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए। समिति के अनुसार, सीबीएसई की ड्राफ्ट पॉलिसी में प्रस्तावित परीक्षा शुल्क में बढ़ोतरी केवल उन छात्रों के लिए होनी चाहिए जो अतिरिक्त प्रयास करके बोर्ड परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
CBSE में रिक्त पदों की स्थिति पर समिति की चिंता
इसके अलावा समिति ने CBSE के 1795 स्वीकृत पदों में से 779 पदों के खाली होने पर भी चिंता जताई। यह रिक्तियां कुल स्वीकृत पदों का 43.39% हैं। समिति ने पहले अपनी 349वीं रिपोर्ट में यह सिफारिश की थी कि 2023 के अंत तक इन रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी की जाए। समिति ने स्कूल शिक्षा विभाग और CBSE से कहा है कि वे जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने के लिए मिशन मोड में काम करें और 2025 के अंत तक सभी खाली पदों को भरें।