Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 03 Apr, 2025 10:37 PM
हैदराबाद में भारी बारिश के चलते ऐतिहासिक चारमीनार को नुकसान पहुंचा है। लगातार हो रही बारिश के कारण चारमीनार की एक मीनार का कुछ कलात्मक हिस्सा गिर गया। इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया
नेशनल डेस्क: हैदराबाद में भारी बारिश के चलते ऐतिहासिक चारमीनार को नुकसान पहुंचा है। लगातार हो रही बारिश के कारण चारमीनार की एक मीनार का कुछ कलात्मक हिस्सा गिर गया। इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मिली जानकारी के अनुसार, बारिश और तेज हवाओं के कारण चारमीनार का टूटा हुआ हिस्सा ठीक नीचे स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर के पास गिरा। इससे इलाके में हड़कंप मच गया और लोग डरे हुए नजर आए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा के लिहाज से प्रभावित हिस्से का निरीक्षण किया।
2019 में भी गिरा था चारमीनार का एक हिस्सा
यह पहली बार नहीं है जब चारमीनार को मौसम से जुड़ी क्षति हुई है। 2019 में भी इस ऐतिहासिक स्मारक का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था। तब भी भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण इमारत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा अलग हो गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण के कारण चारमीनार की संरचनात्मक मजबूती पर असर पड़ रहा है।
निर्माण और इतिहास से जुड़ी रोचक बातें
चारमीनार का निर्माण 1591 में कुतुब शाही वंश के चौथे शासक मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था। इसे हैदराबाद की स्थापना का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि कुली कुतुब शाह ने एक भयंकर प्लेग महामारी के खत्म होने की खुशी में इस इमारत का निर्माण करवाया था। 1924 में हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान ने चारमीनार के प्लास्टर का नवीनीकरण करवाया था।
चारमीनार की संरचनात्मक मजबूती पर बढ़ी चिंता
विशेषज्ञों के अनुसार, चारमीनार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में दरारें देखी गई हैं, जिससे इसकी संरचनात्मक मजबूती को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या इन दरारों से स्मारक को गंभीर खतरा है।
सरकार और ASI की क्या है योजना?
सरकार और एएसआई (ASI) ने चारमीनार की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने की बात कही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और तेज हवाओं के कारण इस ऐतिहासिक स्मारक को लगातार नुकसान हो रहा है, इसलिए इसे संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद स्थानीय लोग और पर्यटक चिंता जाहिर कर रहे हैं। चारमीनार न सिर्फ हैदराबाद बल्कि पूरे भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। लोग चाहते हैं कि सरकार और पुरातत्व विभाग इसकी देखभाल में तेजी लाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।