Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Jan, 2024 10:33 AM
बेरोजगारी की एक दर्दनाक उदाहरण देखने को मिला। लाखों रुपए खर्च कर बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर अगर शख्स रोड़ पर धक्के ही खाए तो सारी पढ़ाई व्यर्थ हो जाती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला पंजाब की सड़कों पर जहां एक Phd होल्डर दर-दर सड़कों पर सब्जी बेच अपना...
नेशनल डेस्क: बेरोजगारी की एक दर्दनाक उदाहरण देखने को मिला। लाखों रुपए खर्च कर बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर अगर शख्स रोड़ पर धक्के ही खाए तो सारी पढ़ाई व्यर्थ हो जाती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला पंजाब की सड़कों पर जहां एक Phd होल्डर दर-दर सड़कों पर सब्जी बेच अपना गुजारा कर रहा है।
दरअसल, पंजाब का एक व्यक्ति जिसके पास चार मास्टर डिग्री और एक Phd है, आज घर चलाने के लिए सब्जियां बेच रहा है। डॉ. संदीप सिंह ने 10 वर्षों से अधिक समय तक पटियाला में पंजाब विश्वविद्यालय में पढ़ाया, लेकिन वित्तीय चुनौतियों के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। सिंह ने विश्वविद्यालय में 5 साल तक जूनियर रिसर्च फेलोशिप पर और फिर सात साल तक अतिथि संकाय के रूप में पढ़ाया। हालाँकि, उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया क्योंकि उनका परिवार उस वेतन पर गुजारा नहीं कर पा रहा था।
सिंह ने कहा कि वेतन न सिर्फ कम था बल्कि समय पर भी नहीं दिया जाता था।उन्होंने कहा, “हम गुरु नानक देव की शिक्षाओं का पालन करते हैं और किसी के सामने भीख नहीं मांगेंगे। मैं अपना काम करता रहूंगा।'' सिंह अब ठेले पर सब्जियां बेचते हैं, जिस पर लिखा है, "पीएचडी सब्जी वाला"
सिंह रोज सुबह सब्जी खरीदने के लिए मंडी जाते हैं और दिन में उन्हें बेचते हैं, शाम को वह अपने बच्चे को पढ़ाते हैं और उसकी पढ़ाई भी करते हैं। वह वर्तमान में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंसेज की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा शिक्षक बनने का सपना देखा है. “मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए सरकार पर भरोसा नहीं कर सकता। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विश्वविद्यालय ने मुझे (स्थायी) नौकरी नहीं दी,'' उन्होंने कहा सिंह को उम्मीद है कि वह अपना कोचिंग सेंटर शुरू करेंगे और भविष्य में पढ़ाना जारी रखेंगे।