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RBI का नया फैसला: लोन लेने वालों के लिए राहत, EMI पर नहीं लगेगा अतिरिक्त ब्याज!

Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Apr, 2025 09:49 AM

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों के लिए एक अहम फैसला लिया है, जो उनकी EMI से जुड़ी चिंताओं को दूर करने का काम करेगा। अब कोई कर्जदार अपनी EMI चुकता नहीं कर पाता है या EMI बाउंस हो जाती है, तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) उस पर...

नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो लोन लेने वालों के लिए राहत का संदेश लेकर आया है। अब, अगर कोई कर्जदार अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पाता या EMI बाउंस हो जाती है, तो बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFC) उस पर जुर्माना तो लगा सकते हैं, लेकिन इस जुर्माने पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लिया जाएगा। यह बदलाव खासतौर पर उन कर्जदारों के लिए फायदेमंद है जो अचानक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। आरबीआई के इस फैसले से बैंकों की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा और कर्जदारों को एक बड़ी राहत मिलेगी।

RBI ने रोकी बैंकों की मनमानी
पिछले कुछ समय से बैंकों द्वारा ग्राहकों से "पीनल इंटरेस्ट" (penal interest) वसूलने के मामले सामने आ रहे थे, जिसे कई बार मुनाफे का एक तरीका बना लिया गया था। इस समस्या को देखते हुए, आरबीआई ने अब नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, बैंकों और NBFCs को अब सिर्फ तब जुर्माना लगाने की अनुमति होगी जब ग्राहक अपनी EMI में डिफॉल्ट करते हैं, और यह जुर्माना भी "उचित" होना चाहिए।

नए नियमों का उद्देश्य
RBI के इस कदम का उद्देश्य बैंकों की मनमानी पर रोक लगाना है। अब बैंकों को दंडात्मक शुल्क (penal charge) तो लगाने की अनुमति होगी, लेकिन उस पर अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं की जाएगी। इसका साफ मतलब है कि अब बैंक और एनबीएफसी द्वारा ग्राहकों से उनके भुगतान में चूक के मामले में केवल शुल्क लिया जा सकेगा, लेकिन उन्हें अधिक ब्याज के बोझ तले दबाया नहीं जाएगा।

क्या बदलने वाला है?
रिजर्व बैंक ने अपने नोटिफिकेशन में साफ किया है कि दंडात्मक शुल्क केवल तभी लिया जा सकेगा जब उधारकर्ता ऋण समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता है, और वह शुल्क उचित और सीमा के भीतर होना चाहिए। इस बदलाव से ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर उन उधारकर्ताओं को जो किसी कारणवश अपनी EMI का भुगतान समय पर नहीं कर पाते थे और उन पर भारी ब्याज व जुर्माना लग जाता था।

क्या नहीं होगा लागू?
हालांकि, यह नियम क्रेडिट कार्ड भुगतान, बाहरी वाणिज्यिक ऋण (External Commercial credit) और व्यवसायिक कर्जों पर लागू नहीं होगा। लेकिन, इस कदम से सामान्य लोन खातों में अनुशासन बनाए रखने की कोशिश की जाएगी, जिससे ग्राहकों को एक सुरक्षित और स्पष्ट वित्तीय माहौल मिलेगा।

 

 

 

 

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