Edited By Mahima,Updated: 22 Mar, 2025 01:06 PM

भारत सरकार ने पेंशन से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए एक नया फोरम बनाने की घोषणा की है। इस फोरम के तहत विभिन्न पेंशन योजनाओं को एक साथ लाकर शिकायतों का समाधान सरल और शीघ्र किया जाएगा। इसके अलावा, सरकार एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने पर...
नेशनल डेस्क: रिटायरमेंट के बाद लोगों को अपने जीवन यापन के लिए आमतौर पर पेंशन पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन कई बार पेंशन से संबंधित शिकायतें उत्पन्न हो जाती हैं, जिनका समाधान समय पर नहीं हो पाता। इसे ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब पेंशन से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक नया फोरम बनाने जा रही है। इस फोरम का उद्देश्य पेंशन से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान करना और एक केंद्रीकृत व्यवस्था के तहत पेंशन योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाना है।
पेंशन योजनाओं के लिए बनाए जा रहे हैं नए नियम
सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत पेंशन से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए एक ग्रिवियांस रिड्रेसल मैकेनिज्म (शिकायत निवारण तंत्र) स्थापित किया जाएगा। यह तंत्र पेंशन धारकों को अपनी शिकायतों का समाधान शीघ्र प्राप्त करने में मदद करेगा, ताकि किसी भी प्रकार के विवाद का समाधान त्वरित रूप से हो सके। अधिकारियों का कहना है कि इस फोरम का उद्देश्य पेंशन योजनाओं के संचालन में पारदर्शिता लाना और शिकायतों के निवारण में सुधार करना है।
पेंशन योजनाओं को एक यूनिफाइड फोरम के तहत लाने की योजना
भारत में कई तरह की पेंशन योजनाएं चल रही हैं। इनमें से कुछ केंद्र सरकार के तहत चलती हैं, जैसे कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), जबकि कुछ निजी और राज्य सरकारों द्वारा संचालित की जाती हैं। इन सभी योजनाओं के संचालन में विभिन्न एजेंसियां शामिल हैं, जिससे पेंशन धारकों को शिकायतों के समाधान के लिए कई जगहों पर जाकर अपनी समस्या का हल ढूंढना पड़ता है। इस नई पहल के तहत सरकार इन सभी योजनाओं को एक यूनिफाइड पेंशन फोरम के तहत लाने पर विचार कर रही है। इससे पेंशन से जुड़ी सभी शिकायतों का समाधान एक ही मंच पर किया जा सकेगा।
क्यों जरूरी है एक यूनिफाइड पेंशन फोरम?
भारत में पेंशन कवरेज अभी भी सीमित है। विभिन्न पेंशन योजनाओं की वजह से आम नागरिक को पेंशन का लाभ मिलना मुश्किल हो जाता है। खासकर, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) स्वैच्छिक है, जिसका मतलब है कि सिर्फ वही लोग इसका लाभ उठा सकते हैं, जो इसे अपनी इच्छा से चुनते हैं। वहीं, कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) में कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये प्रति माह तक होने पर ही इसका लाभ मिलता है, जिससे बड़ी संख्या में लोग इससे वंचित रह जाते हैं। इसलिए, एक यूनिफाइड पेंशन फोरम का गठन पेंशन कवरेज को बढ़ाने और इसे सभी के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए आवश्यक है। साथ ही, यह सुनिश्चित करेगा कि पेंशन से जुड़ी सभी शिकायतों का निपटारा जल्द और प्रभावी तरीके से हो सके।
सरकार का प्रस्ताव – एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम
इसके अतिरिक्त, सरकार इस फोरम के तहत एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (सार्वभौमिक पेंशन योजना) लाने पर भी विचार कर रही है। इस योजना के अंतर्गत, सभी नागरिकों को पेंशन का एक समान लाभ मिलेगा, चाहे वे किसी भी क्षेत्र या वर्ग से हों। इससे देश के हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और पेंशन योजनाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
वित्त मंत्री ने बजट में की थी इस पहल का ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पेंशन योजनाओं के बेहतर समन्वय के लिए इस फोरम के गठन का ऐलान किया था। उन्होंने पेंशन योजनाओं के विकास और उनके बेहतर संचालन के लिए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया था। उनके अनुसार, इस फोरम के माध्यम से पेंशन योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार आएगा और इसके द्वारा नागरिकों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
पेंशन से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान होगा संभव
इस फोरम के गठन से पेंशन योजनाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से हो सकेगा। नागरिकों को अपनी पेंशन से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए एक केंद्रीय मंच पर आवेदन करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव हो सकेगा।