Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Sep, 2024 08:23 PM
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आरोप लगाया कि महामारी के दौरान लगाए गए ‘दोषपूर्ण' कोविड-19 टीके की खुराक के कारण लोग अब भी मर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो एक विशेष टीके को वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी...
नेशनल डेस्क: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को आरोप लगाया कि महामारी के दौरान लगाए गए ‘दोषपूर्ण' कोविड-19 टीके की खुराक के कारण लोग अब भी मर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वैसे तो एक विशेष टीके को वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी भारत में उसकी आपूर्ति की जा रही थी और जनता को दिया जा रहा था। सोरेन की टिप्पणी हाल में राज्य में आबकारी कांस्टेबल भर्ती अभियान में शारीरिक परीक्षण के दौरान 12 लोगों की हुई मौतों के बाद आई है।
सोमवार को सरकार ने इस मौजूदा नौकरी अभियान को तीन दिनों के लिए रोक दिया था। सोरेन ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, भर्ती अभियान के दौरान कुछ उम्मीदवारों की मौत हो गई। मौतें केवल दौड़ने से नहीं हो रही हैं, लोग चलते समय भी मर रहे हैं। यह सर्वविदित है कि भाजपा सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान इस देश के लोगों को दिये गये टीके की खुराक दोषपूर्ण थी और इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा है।'' इससे पहले, प्रदेश भाजपा ने अभ्यर्थियों की मौत के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के 'कुप्रबंधन' को जिम्मेदार ठहराया था।
एक सरकारी कार्यक्रम में सोरेन ने ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना' के तहत महिला लाभार्थियों के खातों में 1,000 रुपये की पहली किस्त भेजी। छह जिलों में 7.04 लाख लाभार्थियों को कुल 70.50 करोड़ रुपये वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए उसपर उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने वरिष्ठ भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा का नाम लिये बगैर उनपर सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया।