Edited By Parminder Kaur,Updated: 08 Sep, 2024 04:46 PM
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में काम कर रही पंजाब सरकार ने हर घर को मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपनी अन्य ज़रूरतों को पूरा कर सकें। मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस पहल के तहत अब...
नेशनल डेस्क. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में काम कर रही पंजाब सरकार ने हर घर को मुफ्त बिजली देने की योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपनी अन्य ज़रूरतों को पूरा कर सकें। मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस पहल के तहत अब पंजाब के गांवों में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिल रही है और औद्योगिक व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को भी पूरी बिजली मिल रही है।
पिछले सीजन में किसानों के लिए बिजली की आपूर्ति 8 घंटे की जगह 10 से 12 घंटे तक बढ़ा दी गई है। किसानों को दिन में बिजली मिल रही है, जिससे वे रात में आराम कर सकते हैं और दिन में खेतों में काम कर सकते हैं। इस बदलाव से किसानों में खुशी की लहर है।
राजपुरा के सैलमा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें 24 घंटे बिजली की सप्लाई मिल रही है, जिससे उनकी समस्याएं कम हो गई हैं। पहले बिजली कटौती के कारण उन्हें काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
रुल्दा खान के निवासी मानपूरा ने कहा कि पहले बिजली की स्थिति बहुत खराब थी और कई दिनों तक बिजली नहीं आती थी लेकिन अब बिजली कटौती की कोई समस्या नहीं है और बिजली का बिल भी 'ज़ीरो' आ रहा है। पहले बिजली का बिल 5 हजार रुपये तक आता था, लेकिन अब मुफ्त बिजली मिलने के कारण वे उन पैसों को घर के अन्य खर्चों पर लगा सकते हैं।
पहले पंजाब के गांवों में बिजली सुबह 5:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही मिलती थी, और लोग बिजली दफ्तरों के चक्कर काटते रहते थे लेकिन अब पंजाब राज्य बिजली निगम लिमिटेड (पावरकर्म) एक अत्याधुनिक कंपनी बन चुकी है।
अब बिजली की शिकायतें भी बहुत आसान हो गई हैं। लोग मोबाइल फोन से 1912 नंबर पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं और शिकायत की स्थिति भी मोबाइल पर ही देख सकते हैं। अगर कोई तकनीकी समस्या होती है, तो पावरकर्म के तकनीकी कर्मचारी जल्दी से समस्या को हल कर देते हैं और एक संदेश के जरिए सूचित करते हैं। सरकार ने किसानों के लिए विशेष शिकायत केंद्र भी स्थापित किए हैं, जिनके नंबर किसानों के साथ साझा किए गए हैं, ताकि किसी भी समस्या की स्थिति में वे अपनी शिकायत दर्ज करवा सकें।