Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Sep, 2024 06:06 PM
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जो कि प्रोफेट मोहम्मद स0. के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है, इस साल भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मुस्लिम समाज ने इस साल ईद-ए-मिलाद का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है। यह निर्णय 21...
नेशनल डेस्क: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जो कि प्रोफेट मोहम्मद स0. के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है, इस साल भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मुस्लिम समाज ने इस साल ईद-ए-मिलाद का जश्न नहीं मनाने का फैसला किया है। यह निर्णय 21 अगस्त को हुई एक घटना के मद्देनजर लिया गया है। उस दिन छतरपुर थाने पर पथराव हुआ था, जिसमें पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है। इस घटना के बाद 46 लोगों के खिलाफ नामजद और 150 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
मुस्लिम समाज की मांग है कि जब तक इस घटना में बेगुनाहों को न्याय नहीं मिलता, तब तक वे किसी भी त्योहार की धूमधाम से मनाएंगे नहीं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने 6 मुख्य आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें जिला बदर करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके अलावा, मुस्लिम समाज ने इंतेजामिया से मांग की है कि 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए केस की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए। साथ ही, इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र के नासिक में हिंदू महंत रामगिरी ने मुसलमानों और प्रोफेट मोहम्मद स0. के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान दिए। इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप, कुछ लोग छतरपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे, जिसके बाद वहां पथराव हुआ। इस घटना के बाद, हाजी शहजाद अली की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चला दिया गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।