Edited By Parveen Kumar,Updated: 29 Nov, 2024 07:08 PM
बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार को चरमपंथी समूहों ने दो हिंदू मंदिरों पर हमला किया और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर भी हमला किया, जिससे इलाके में रहने वाले हिंदू परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
नेशनल डेस्क : बांग्लादेश के चटगांव में शुक्रवार को चरमपंथी समूहों ने दो हिंदू मंदिरों पर हमला किया और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर भी हमला किया, जिससे इलाके में रहने वाले हिंदू परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह हमला शुक्रवार की नमाज के बाद हुआ, जब कई दुकानों को भी निशाना बनाया गया।
सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों में जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के चरमपंथी शामिल थे। उन्होंने राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी मातृ मंदिरों को निशाना बनाया। यह घटना उस समय हुई, जब इलाके में हिंदू धार्मिक संगठन इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर एक मार्च निकाला जा रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस और सेना के जवान हिंसा में शामिल नहीं हुए और मूकदर्शक बने रहे। यह इलाका मुख्य रूप से हिंदू बहुल है, जहां की लगभग 90% आबादी हिंदू समुदाय की है। हिंसा बढ़ने के डर से कई हिंदू परिवारों ने इलाके को छोड़ दिया और सुरक्षित स्थानों पर शरण ली।
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और देवताओं को अपवित्र करने की कई घटनाएं हुई हैं। अब तक 200 से अधिक मंदिरों को निशाना बनाया गया है।
इस घटना के बाद, हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी से भी हिंसा बढ़ी है, जिसके बाद समुदाय में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़पें भी हुईं। इस्कॉन के खिलाफ भी कट्टरपंथियों द्वारा प्रतिबंध की मांग की जा रही है। बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन को "धार्मिक कट्टरपंथी संगठन" बताया है, हालांकि अदालत ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है।